कोरोना के चलते मोहर्रम और गणेश चतुर्थी पर लगा `ग्रहण`, DDMA ने उठाया सख्त कदम
कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए दिल्ली में मोहर्रम के दौरान जूलूस निकालने और गणेश चतुर्थी पर सार्वजनिक मूर्ति स्थापना पर रोक लगा दी गई है.
नई दिल्ली : कोरोना (Coronavirus) संक्रमण के खतरे को देखते हुए दिल्ली (Delhi) में मोहर्रम (Mohrram) के दौरान जूलूस निकालने और गणेश चतुर्थी (Ganesh chaturthi) पर सार्वजनिक मूर्ति स्थापना पर रोक लगा दी गई है. लोगों से अपील की गई है कि वे सभी पर्व अपने घरों पर ही मनाए और गैर जरूरी रूप से बाहर निकलने से बचें. दिल्ली में पुलिस- प्रशासन के सभी अफसरों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने- अपने क्षेत्रों में कोविड- 19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें. एलजी अनिल बैजल के नेतृत्व वाले दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने यह निर्देश जारी किए.
DDMA के निर्देशों में कहा गया है कि गणेश चतुर्थी के दौरान भगवान गणेश की कोई मूर्ति सार्वजनिक स्थान पर स्थापित नहीं की जाएगी और न ही शोभायात्रा निकालने की अनुमति दी जाएगी. मोहर्रम पर भी लोगों को जुलूस/ताजिया निकालने की अनुमति नहीं मिलेगी. जिला मजिस्ट्रेट और डीसीपी को निर्देश दिया गया कि वे प्रत्येक बड़े त्योहार से पहले धार्मिक/सामुदायिक नेताओं के साथ बैठक करके कानून-व्यवस्था बनाए रखने में उनका सहयोग मांगेंगे.
DDMA ने कहा कि सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित कर वहां पर पुलिस बल का पहले से इंतजाम किया जाए. ऐसे इलाकों में भीड़ को इकट्ठा न होने दें और सभी बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों पर त्योहारों के दौरान जांच के सभी आवश्यक प्रबंध कर लें. इसके लिए वक्त रहते डॉग स्क्वॉड, एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड और बम निरोधक टीमों की तैनाती कर ली जाए.
दिल्ली सरकार ने नियंत्रण वाली दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के एक अधिकारी के अनुसार सामुदायिक स्तर पर पर्व मनाने की अनुमति नहीं है. आगामी पर्व पर यमुना या किसी अन्य जलाशय, सार्वजनिक स्थल, तालाब या घाट पर प्रतिमा विसर्जन की अनुमति नहीं दी जाएगी. डीपीसीसी ने कहा कि आदेश का उल्लंघन करने पर पचास हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा.
DPCC ने कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण के 2015 के आदेश के अनुसार यमुना में मूर्ति विसर्जन पर पाबंदी है. पिछले साल दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक स्थल पर मूर्ति विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाब बनाए थे. लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इन तालाबों का निर्माण संभव नहीं है. ऐसे में लोगों को अपने घर में ही बाल्टी या किसी अन्य पात्र में विसर्जन की रीति पूरा करना होगा.
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DPCC ने मूर्ति बनाने और बेचने वालों से प्राकृतिक वस्तुओं से मूर्ति बनाने को कहा है. प्लास्टर ऑफ पेरिस या पकाई गई मिट्टी से मूर्ति बनाने पर प्रतिबंध है. इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व 22 अगस्त को मनाया जाएगा.
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