नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से राजमार्गों पर पेट्रोल पंप, शौचालय, एम्बुलेंस और अन्य आपातकालीन और बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने की मांग वाली एक याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा.


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मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने हरियाणा राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी) से भी याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त तय कर दी.



न्यायालय कुंडली-मानेसर-पावल (केएमपी), कुंडली-गाजियाबाद-पावल एक्सप्रेसवे, पूर्वी और पश्चिमी परिधीय एक्सप्रेसवे पर पेट्रोल पंप, शौचालय, एम्बुलेंस और आपातकालीन सुविधा, भोजनालय, पुलिस गश्त जैसी बुनियादी सुविधाए सुनिश्चित करने का एनएचएआई को निर्देश देने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका की सुनवाई कर रही थी.


जनहित याचिका सामाजिक कार्यकर्ता और वकील अमित साहनी ने दायर की है, जिन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे की सुविधाओं को अभिन्न रूप से नियोजित और विकसित किया जाना चाहिए और ऐसे राजमार्गों पर टोल संग्रह शुरू किए जाने से पहले सभी भावी परियोजनाएं संचालित हो जानी चाहिए.


फाइल फोटो...

याचिका में कहा गया है कि हजारों वाहन रोजाना वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से गुजरते हैं, लेकिन टोल का भुगतान करने के बावजूद उन्हें कोई भी बुनियादी सुविधा उपलब्ध नहीं है.