नई दिल्ली: 1 जनवरी 2019 को पीएम मोदी का साक्षात्कार लेने वाली वरिष्ठ महिला पत्रकार पर कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा की गई टिप्पणी पत्रकार संगठनों को रास नहीं आ रही है. पत्रकार संगठनों ने इस मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष के प्रति अपनी नाराजगी तो जाहिर की ही साथ ही साथ यह मांग भी रखी कि राहुल गांधी अपनी टिप्पणी के लिए माफी भी मांगें.


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आपको बता दें कि नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (इंडिया) से संबद्ध दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (डीजेए) को एएनआई की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ व्यापक और लंबा साक्षात्कार करने वाली वरिष्ठ महिला पत्रकार के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा इस्तेमाल की गई टिप्पणी 'लचीला' (pliable) के इस्तेमाल पर कोई आश्चर्य नहीं है. गुरुवार को जारी एक संयुक्त बयान में, डीजेए के अध्यक्ष मनोहर सिंह और महासचिव प्रमोद कुमार ने कहा कि एक पत्रकार के साथ सिर्फ इसलिए बुरा बर्ताव करना क्योंकि उसने एक प्रतिद्वंदी राजनेता का साक्षात्कार किया है, गलत बात है और मैसेंजर को दबाने (हतोत्साहित) करने जैसा है. उन्होंने अपने बयान में आगे यह भी कहा कि यह एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के एक वरिष्ठ नेता का अनुचित और असंतुलित होना है.


डीजेए की राय है कि पत्रकारों की पेशेवर जिम्मेदारी है कि वे जानकारी मांगें, सवाल पूछें और उनके जवाब हासिल करें. डीजीए के बयान में कहा गया है, "हर जगह के सभी पत्रकारों को पता है कि अपने साक्षात्कार को असहज बनाना सबसे अच्छी रणनीति नहीं है और एक साक्षात्कार को इंटेरोगेशन (पूछताछ) में बदल देना बातचीत में अवरोध पैदा कर सकता है."


डीजेए ने कहा कि कांग्रेस के कई दिग्गज पत्रकार थे और वे मीडिया की नैतिकता को जानते थे. इसलिए, अपने लंबे और शानदार अतीत के अनुरूप, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को खेद व्यक्त करना चाहिए और इस घटना पर माफी मांगनी चाहिए. मनोहर सिंह ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि पार्टी (कांग्रेस) प्रेस की स्वतंत्रता और सम्मान के लिए अपना सम्मान दोहराएगी."