चंडीगढ़: पंजाब में बिजली के दाम एक बार फिर बढ़ रहे हैं. नए साल में पंजाब के घरेलू बिजली उपभोगताओं को बिजली तीस पैसे प्रति यूनिट और उद्योगिक इकाइयों को 29 पैसे यूनिट महंगी पड़ेगी. सरकार इसको राज्य बिजली नियामक आयोग का फैसला बता कर पल्ला झाड़ रही है जबकि विपक्ष ने सरकार को घेर लिया है. पंजाब के लोगों और उद्योगपतियों को सरकार नए साल में बिजली के बिल का तगड़ा झटका देने जा रही है. नए साल से पंजाब के लोगों को बिजली बिल अदा करने के लिए जेब अधिक ढीली करनी पड़ेगी.


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घरेलू बिजली उपभोगताओं को तीस पैसे प्रति यूनिट और उद्योगों को 29 पैसे प्रति यूनिट अधिक अदा करने पड़ेंगे. पावरकॉम ने राजपुरा और तलवंडी साबो के थर्मल प्लांट को कोला उपलब्ध करवाने के लिए करीब 1490 करोड़ रूपये खर्च किया था जिसके बाद पावरकॉम ने इस पैसे की वसूली के लिए नियामक आयोग के सामने अपील रखी थी.


इसी के मध्यनजर लिया गया फैसला पंजाब के लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ाएगा. उधर सरकार इस मामले में अपना पल्लू झाड़ती हुई नजर आ रही है. सरकार इसे राज्य बिजली नियामक आयोग का फैसला बता कर बचाव की मुद्रा में है. कैबिनेट मिनिस्टर बलबीर सिद्धू और कैबिनेट मिनिस्टर गुरप्रीत कांगड़ का कहना है कि यह फैसला पंजाब राज्य बिजली नियामक आयोग का है.


उधर सरकार के इस फैसले के खिलाफ विपक्ष ने सरकार को घेर लिया है. विपक्ष ने इसको जनता पर व्यर्थ का आर्थिक बोझ करार दिया है. अकाली दाल के नेता चरणजीत सिंह बराड़ ने कहा है कि सरकार जनता को सुविधाएं देने की बजाय जतना पर आर्थिक बोझ बढ़ाती जा रही है.


वहीँ आम आदमी पार्टी के विधायक कंवर संधू भी मानते हैं कि पंजाब में बिजली से दाम देश भर में सबसे ज्यादा पहले से ही है जबकि विजली की सुविधा भी लोगों को उचित नहीं मिल रही और ऐसे में सरकार बिजली के दाम और बढ़ाने जा रही है जो सरासर गलत है. बहरहाल सरकार के इस ताजा फैसले का असर जतना की जेब पर तो पड़ना निश्चित है मगर फिलहाल इसको लेकर सर्द ऋतु में सियासत गर्मा गई है.