नई दिल्ली: नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ 20 दिसंबर को दिल्ली में हुए हिंसक प्रदर्शन में भीड़ को कंट्रोल करते समय घायल हुए दिल्ली पुलिस के शाहदरा डिस्ट्रिक्ट के एडिशनल डीसीपी रोहित राजबीर सिंह ने ज़ी न्यूज से खास बातचीत की. बातचीत में उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारी किस तरह से उग्र हो गए और पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया. 


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शाहदरा डिस्ट्रिक्ट के एडिशनल डीसीपी ने बताया कि 20 दिसंबर को मैं अपने 4 स्टाफ के साथ था. तभी मुझे जानकारी मिली कि नमाज खत्म होने के बाद ओल्ड सीमापुरी के करीब 1000-1500 लोग जमा हो रहे हैं. वहां पहुंचकर देखा तो भीड़ एक बस पर पथराव कर रही थी. वहां पहुंचकर मैंने लोगों को समझाना शुरू किया. भीड़ धीरे-धीरे बढ़ने लगी. कुछ ही समय में वहां करीब 3000 लोग इकट्ठा हो गए. 


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उन्होंने बताया कि भीड़ ने अचानक पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया. मैं वहां से भागा. मैंने हवा में गोली चलाई. उसी दौरान बहुत से पत्थर आकर मुझे लगे. फिर मैं हवा में 9 राउंड गोली चलाता हुआ भीड़ की तरफ जाने लगा. भीड़ इतनी उग्र थी कि मैं भीड़ पर भी फायर कर सकता था. लेकिन उसी वक्त मेरे दिमाग में आया कि इनमें से बहुत से लोगों को पता भी नहीं होगा कि हम पथराव क्यों कर रहे हैं. भीड़ में ज्यादातर लोग 18-19 साल के थे. फिर जाकर और फोर्स के साथ भीड़ को कंट्रोल किया.


जब पथराव हुआ तो पहला पत्थर आकर उस व्यक्ति को लगा जिसे मैं समझा रहा था. लोगों को नहीं पता कि वो पथराव क्यों कर रहे थे. ये कौन लोग थे इसकी जांच चल रही है. हमारे हर कम्युनिटी से अच्छे संबंध हैं. लेकिन जो पुलिस पर हमला करते हैं कानून को हाथ में लेते हैं मैं उन लोगों से कहना चाहता हूं कि जो गोलियां मैंने हवा में चलाई मैं उन पर भी चला सकता था. एडिशनल डीसीपी रोहित राजबीर सिंह ने कहा कि पुलिस को गोलियां चलाने पर  मजबुर न करें. डॉक्टर ने मुझे आराम करने को कहा है लेकिन मैं 1-2 दिन से ज्यादा आराम नहीं कर पाऊंगा.


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कौन हैं रोहित राजबीर सिंह
आपको बता दें कि रोहित राजबीर सिंह 2015 बैच के IPS हैं. रोहित, दिल्ली पुलिस में शहीद हुए एसीपी राजबीर सिंह के बेटे हैं. राजबीर सिंह दिल्ली पुलिस के इतिहास में वो नाम है जिसे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से जाना जाता था. राजबीर सिंह से दिल्ली का बड़े से बड़ा गैंगस्टर खौफ खाता था. राजबीर सिंह ने बड़े-बड़े मामलों की जांच की है. जिसमें लालकिला आतंकी हमला और संसद भवन आतंकी हमला शामिल है. शहीद राजबीर सिंह ने क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल में अपनी सेवाएं दीं. वहीं रोहित सिंह भी अपने पिता की तरह बेखोफ हैं. और दिल्ली के शाहदरा डिस्ट्रिक्ट में एडिशनल डीसीपी के पोस्ट पर तैनात हैं.