नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने शनिवार को शहर भर से कूड़ा उठाने के लिए पीडब्ल्यूडी के सैकड़ों कर्मचारियों की तैनाती की क्योंकि नगर निगमों के करीब 60 हजार सफाई कर्मचारियों की अपने बकाये के भुगतान की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है।


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आप और तीनों नगर निगमों में सत्तारूढ़ भाजपा के बीच इस मुद्दे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी रहा।


उधर, नगर निगमों द्वारा संचालित अस्पतालों के सात हजार से अधिक डाक्टर और दस हजार से अधिक नर्स भी वेतन और बकाये की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये। हड़ताल में नगर निकायों के करीब 12 हजार इंजीनियरिंग कर्मचारी भी शामिल हो गये।


दिल्ली सरकार का कहना है कि उसने वर्तमान वित्त वर्ष में तीनों नगर निगमों को गैर योजनागत मद के तहत 2187 करोड़ रूपये से अधिक की पर्याप्त राशि मुहैया कराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘‘वेतन घोटाले’’ से संकट की स्थिति पैदा हुई।


प्राकृतिक चिकित्सा उपचार के लिए बेंगलुरू में मौजूद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने शहर का कूड़ा साफ करने के लिए जरूरी ट्रकों की तैनाती का निर्देश दिया और भाजपा पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया।


उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैंने सरकार को कूड़ा उठाने के लिए जरूरत के मुताबिक ट्रकों की तैनाती के निर्देश दिये हैं। जनता को असुविधा नहीं होनी चाहिए।’’ सफाई कर्मियों की हड़ताल के चौथे दिन सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता उनके साथ एकजुटता दिखाने के लिए प्रदर्शन में शामिल हुए।


दिल्ली भाजपा प्रमु़ख सतीश उपाध्याय ने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार संकट के लिए जिम्मेदार है। उसने तीनों नगर निगमों को पर्याप्त कोष का आवंटन नहीं किया है। उन्हें जनता की समस्या की कोई चिंता नहीं है।’’