नई दिल्‍ली: पूर्व क्रिकेटर और पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार गौतम गंभीर पर दो वोटर आईडी कार्ड रखने के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने शिकायतकर्ता आतिशी को 31 मई को अपना बयान दर्ज कराने को कहा है. आतिशी को कोर्ट में अपने साक्ष्य रखने होंगे, जिनके आधार पर कोर्ट तय करेगा कि मामले में गंभीर को आरोपी के तौर पर समन किया जाए या नहीं. इससे पहले कोर्ट ने शिकायतकर्ता व आप नेता आतिशी मार्लेना से मामले से जुड़े संबंधित दस्तावेज सौंपने को कहा था.


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कोर्ट ने शिकायतकर्ता से पूछा था कि आपका इस केस से क्या संबंध है? जिस पर आतिशी मार्लेना के वकील ने कहा था कि ये हमारा अधिकार है और एक आदमी का एक ही इलेक्ट्रोल वोट हो सकता है. कोर्ट ने ये भी पूछा था कि आप इससे कैसे प्रभावित हो रहे हैं. कोर्ट ने कहा था कि आपके पास क्या मटेरियल है, जिसके आधार पर आप आरोप लगा रहे है? कोर्ट ने पूरी जानकारी देने को कहा था.


दरअसल, गौतम गंभीर पर कथित रूप से दो वोटर आईडी कार्ड रखने का आरोप है. गंभीर के खिलाफ आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी मार्लेना ने आपराधिक शिकायत दी हुई है. शिकायत में गंभीर पर जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन करके एक से अधिकक्षेत्रों में मतदाता के रूप में कथित रूप से नामांकन करने का आरोप लगाया गया है. शिकायत में पुलिस को इस मामले की जांच का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि पूर्वी दिल्ली के बीजेपी प्रत्याशी गंभीर ने दो अलग क्षेत्रों करोल बाग और राजेंद्र नगर में मतदाता के रूप में जानबूझ कर और अवैध रूप से नामांकन किया.


ये शिकायत वकील मोहम्मद इरशाद द्वारा दायर की गई है, इसमें आरोप लगाया गया कि गंभीर ने चुनाव लड़ने की योग्यता हासिल करने और अंतत: संसद की सदस्यता लेने के लिए अपने नामांकन पत्र, इसके साथ सौंपे शपथ पत्र और मतदाता होने से जुड़े अन्य दस्तावेजों में झूठी जानकारी दी है. पूर्वी दिल्ली सीट से ही 'आप' उम्मीदवार एवं शिकायतकर्ता आतिशी ने अपनी शिकायत में कहा कि क्षेत्रों में गंभीर के पंजीकरण की जानकारी चुनाव आयोग की राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध है. शिकायत में दिल्ली पुलिस को जनप्रतिनिधित्व कानून, 1950 की धाराओं के तहत आरोपों की जांच का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.