नई दिल्ली: दिल्ली के कई अस्पतालों में चढ़ते पारे के बीच गर्मी से संबंधित बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ने को लेकर चिकित्सकों ने सोमवार को कहा कि अब तक स्थिति “खतरनाक” स्तर पर नहीं पहुंची है और पर्याप्त व्यवस्था की गई है. बढ़ते तापमान ने सोमवार को सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए जहां राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में पारा 48 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया. आरएमएल अस्पताल के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर एवं कंसल्टेंट डॉ आर एस तनेजा ने कहा कि पानी की कमी, बुखार, लू लगने और मांसपेशियों में दर्द, दस्त, रक्तचाप कम होने एवं सिर दर्द की शिकायतों के साथ ज्यादा मरीज इमरजेंसी वार्ड पहुंच रहे हैं.


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उन्होंने कहा कि कई मामलों में लोगों में इलेक्ट्रोलाइट असामान्य स्तर पर पहुंच रहा है जिससे चक्कर आने और बेहोश होने की शिकायतें मिल रही हैं. तनेजा ने कहा, “ऐसे मरीजों को हम तत्काल उपचार दे रहे हैं और नसों के जरिए उनमें तरल पदार्थ पहुंचाया जाता है. इस मौसम में लोगों को धूप में निकलने से बचना चाहिए, पानी पीते रहना चाहिए और तेल-मसाले वाले भोजन से बचना चाहिए.


लोगों को ताजा खाना खाना चाहिए और हल्के रंग के सूती के कपड़े पहनने चाहिए.” चिकित्सकों ने कहा कि एम्स के साथ ही सफदरजंग अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है. हालांकि उनका कहना है कि अब तक चिंता करने लायक कोई बात नहीं है.


सत्यवादी राजा हरीशचंद्र अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ संजय जैन ने कहा कि अब तक लू की वजह से किसी की मौत नहीं हुई है. जीटीबी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षकों ने भी कहा कि चिंता करने लायक कोई बात नहीं है और गर्मी से संबंधी मामले नियमित मामलों जैसे ही हैं. सफदरजंग अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि धूप में निकलते वक्त अपने साथ छाता लेकर और पानी की एक बोतल लेकर निकलें.