नई दिल्‍ली : दिल्‍ली विधानसभा चुनाव 2020 (Delhi Assembly election 2020) से पहले ज़ी न्‍यूज के कॉन्‍क्‍लेव 'इंडिया का DNA' में भाजपा के वरिष्‍ठ नेता एवं केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जी न्‍यूज के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी से बातचीत की. उन्‍होंने कहा कि 'शाहीन बाग में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता ने फायरिंग की. अब उनका पर्दाफाश हो चुका है. शाहीन बाग में उकसाने वाले भाषण आप नेता दे रहे हैं. केजरीवाल ने कसम खाई थी सरकार आई तो वह गाड़ी और बंगला नहीं लेंगे, लेकिन अब उनके पास कई बंगले हैं. भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ दिल्‍ली की सत्‍ता में आएगी'. 


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उन्‍होंने कहा कि 'हम दिल्‍ली को प्रदूषण मुक्‍त और स्‍वच्‍छ जल देंगे'. जावड़ेकर ने कहा कि 'ये लोग बीते साढ़े चार साल कहते रहे कि मोदी सरकार काम नहीं करने दे रही अब अपने काम जनता को दिखा रहे हैं. दिल्‍ली के लोगों को बदबूदार पानी मिलता है. लोग परेशान हैं. सबसे खराब पानी दिल्‍ली का हो गया है. बिल मुद्दा नहीं, मुद्दा साफ पानी का है'.


उन्‍होंने कहा कि 'चतुराई करना केजरीवाल की खासियत है. सिसोदिया कह चुके हैं कि वे शाहीन बाग के साथ हैं. अमानतुल्‍ला खान और इनके अन्‍य नेता वहां डटे हुए हैं'.


उन्‍होंने कहा कि 'देशविरोधी नारे लगाने और भाषण देने वाले शरजील इमाम जैसे लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति खुद दिल्‍ली सरकार नहीं दे रही'. जावड़ेकर ने कहा कि 'अब केजरीवाल हनुमान चालीसा के साथ कुछ और भी पढ़ेंगे.उन्‍होंने आगे कहा कि दिल्‍ली में मतदान से पहले राम मंदिर ट्रस्‍ट की घोषणा होने को लेकर उन्‍होंने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुरूप हुआ है. इसमें कोई राजनीति नहीं है. 


उन्‍होंने आगे कहा कि 'केजरीवाल ने मोदी सरकार की कई स्‍कीमें दिल्‍ली में लागू ही नहीं होने दी. मसलन आयुष्‍मान योजना, किसानों को लाभ, प्रधानमंत्री आवास योजना और दिल्‍ली में मेट्रो का चौथा फेज को 3 साल को रोके रखना. केजरीवाल सरकार ने विकास को रोका, यह हम बता रहे हैं'. 


दिल्‍ली में बीजेपी की तरफ से सीएम उम्‍मीदवार का ऐलान न किए जाने के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि 'हम ब्रांड के लिए राजनीति नहीं करते, गरीब, जनता के लिए राजनीति करते हैं. मुख्‍यमंत्री हमारे विधायक चुनेंगे. मुख्‍यमंत्री घोषित करना रणनीति का हिस्‍सा होता है'. 


शाहीन बाग का रास्‍ता कब खुलेगा इस सवाल पर उन्‍होंने कहा कि इस आंदोलन का असली चेहरा सामने आ गया है, लेकिन पत्रकारों के खिलाफ वहां हुई हिंसा की कोई निंदा नहीं कर रहा है. हम कहना चाहते हैं कि लोगों को कोई कागज नहीं देने हैं. झूठे प्रचार का पर्दाफाश हो गया है.