नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद-सीलमपुर इलाके में मंगलवार को फैली हिंसा मामले में दो FIR दर्ज हुई है. एक जाफराबाद में और एक सीलमपुर में. जफराबाद में फिलहाल दिल्ली पुलिस की दो कंपनियां एहतियात के तौर पर तैनात हैं. जरूत पड़ने पर सुरक्षा बढ़ाई जाएगी. फोर्स को रिजर्व में रखा गया है. उधर, जाफराबाद और मौजपुर-बदरपुर मेट्रो स्टेशनों के एंट्री और एग्जिट गेटों को आज भी बंद रखा गया है. इन इलाकों में फिलहाल शांतिपूर्ण महौल है. कल रात दिल्ली पुलिस ने इलाके के अमन कमिटी के साथ मीटिंग कर शांति की अपील की थी. और जफराबाद सीलमपुर की 66 फूटा रोड को ट्रैफिक के लिए खुलवा दिया था.


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अब तक क्या-क्या हुआ
उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद-सीलमपुर इलाके में मंगलवार को CAA के खिलाफ हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे. अचानक भीड़ हिंसक हो गई और स्कूल बसों और पुलस पर पथराव कर दिया. इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितरबितर करने के लिए लाठीचार्ज किए और आंसू गैस छोड़े. इस पूरे मामले में कुल 21 लोग जख्मी हो गए. घायलों में 12 दिल्ली पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी, 3 आरएएफ के जवान और 7 आम नागरिक हैं. इस मामले में पुलिस ने दो अलग-अलग मामले दर्ज कर फिलहाल 5 लोगों को हिरासत में ले लिया है. ज्वाइंट सीपी आईवी आलोक कुमार ने बताया कि उपद्रवियों ने जिस बस को निशाना बनाया था, वह स्कूल बस था. ड्राइवर की सूझ बूझ से बच्चों को बाहर निकाला गया था.


आलोक कुमार ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने दो बस और तीन बाइकों में तोड़ फोड़ की. दो पुलिस बूथ में तोड़फोड़ की गई. मस्जिद और इलाके के अमन कमेटी से अपील करवाकर शांति व्यवस्था कायम की गई. दंगा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के तहत केस दर्ज किया गया है.



उन्होंने बताया कि दो लोगों को गुरुतेग बहादुर अस्पताल में रेफर किया गया है, जिसमें एक पुलिसकर्मी दूसरा एक स्थानीय नागरिक है. उपद्रवियों ने बाइक को आग के हवाले कर दिया था. उन्होंने कहा कि  मंगलवार सुबह 10 बजे के करीब लोग इकट्ठे होना शरू हुए थे. 2 बजे के बाद बवाल शरू हुआ. एक ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है.


दिल्ली पुलिस प्रवक्ता एसीपी अनिल मित्तल ने मंगलवार देर शाम बताया कि फिलहाल इलाके में एहतियातन 5 कंपनी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. हालात को तुरंत काबू करने के लिए तीनों जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल को घटना के तुरंत बाद मौके पर बुलाना पड़ा.


दिल्ली पुलिस के मुताबिक, 'घटना की शुरुआत उस समय हुई, जब कुछ लोग शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन कर लौट रहे थे. उसी वक्त भीड़ में शामिल कुछ शरारती तत्वों ने अचानक सड़कों-गलियों में भगदड़ मचाना और पथराव करना शुरू कर दिया.'


अचानक शुरू हुई पत्थरबाजी से सड़क-गलियों में आ जा रहे लोगों में भगदड़ मच गई. देखते-देखते हालात बेकाबू होते चले गए. जब तक पुलिस मोर्चे पर डटती उपद्रवियों की भीड़ चारों ओर फैल चुकी थी. लिहाजा, आनन-फानन में दिल्ली पुलिस कमिश्नर की रिजर्व फोर्स (सीपी रिजर्व फोर्स) की 5 अतिरिक्त कंपनियों के करीब 300 जवानों को भी मौके पर बुला लिया गया. इसके साथ ही पूर्वी, शाहदरा और उत्तर पूर्वी जिले के थानों और पुलिस लाइन में मौजूद अतिरिक्त पुलिस बल को भी मौके पर बुला लिया गया.


पुलिस के मोर्चा संभालने तक हिंसा पर उतरी भीड़ दो पुलिस बूथ, दो बसें, तीन मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर चुकी थी. सबसे ज्यादा पथराव सीलमपुर और जाफराबाद थाना क्षेत्र में हुआ बताया जाता है.