नई दिल्‍ली : बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व वित्‍त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार को निधन हो गया है. वह 9 अगस्‍त से दिल्‍ली स्थित एम्‍स में भर्ती थे. एम्‍स की ओर से जारी की गई प्रेस रिलीज के अनुसार अरुण जेटली का निधन शनिवार को दोपहर 12:07 बजे हुआ है. अरुण जेटली के पार्थिव शरीर को एम्‍स से उनके कैलाश कॉलोनी स्थित घर पर ले जाया गया है. जेटली को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके घर पर लोगों की भीड़ उमड़ रही है.


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जेटली को उनके घर श्रद्धांजलि देने राष्‍ट्रपत‍ि रामनाथ कोव‍िंद पहुंचे. उन्‍होंने जेटली को श्रद्धांजलि‍ अर्प‍ित करने के बाद उनके पर‍िवार काे भी सांत्‍वना दी. इससे पहले बीजेपी अध्‍यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह कैलाश कॉलोनी स्थित उनके घर पर पहुंचे. बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता अरुण जेटली के निधन की खबर सुनकर गृह मंत्री और बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह अपने हैदराबाद दौरे को बीच में खत्‍म करके दिल्‍ली लौटे हैं. अरुण जेटली के अंतिम दर्शन के लिए सत्‍ता पक्ष के साथ विपक्ष के बड़े नेता भी पहुंचे. यूपीए चेयरपर्सन सोन‍िया गांधी के अलावा कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री राहुल गांधी भी अरुण जेटली के अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पर पहुंचे.



उनके अंतिम दर्शन करने पहुंचे उपराष्‍ट्रपत‍ि वैंकेया नायडू भावुक हो गए. श्रद्धांजलि देते वक्‍त उनके आंसू छलक पड़े. वाजपेयी सरकार में दोनों केंद्रीय मंत्री की हैस‍ियत से साथ साथ काम कर चुके थे. इसके अलावा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में दोनों केंद्रीय मंत्री थे. बाद में नायडू उपराष्‍ट्रप‍ति‍ बने.



केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बाद में खुद अरुण जेटली को श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी इस समय तीन देशों की यात्रा पर हैं. ऐसे में अरुण जेटली के घर पहुंचकर राजनाथ स‍िंह ने पहले प्रधानमंत्री की ओर से पुष्‍पांजल‍ि अर्प‍ित की, उसके बाद उन्‍होंने श्रद्धांजल‍ि दी.



बीजेपी के वर‍िष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी अपनी बेटी प्रतिभा के साथ अरुण जेटली को श्रद्धांजलि देने पहुंचे. यहां पर उन्‍होंने जेटली के पर‍िवार से भी भेंट की.



इसके अलावा यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदि‍त्‍यनाथ और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी अरुण जेटली के अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे. उनसे पहले कांग्रेस नेता ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया अपने परिवार के साथ अरुण जेटली के घर अंतिम दर्शन को पहुंचे. दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अरुण जेटली को श्रद्धांजलि दी.



अरुण जेटली के पार्थिव शरीर को उनके घर पर कल सुबह 10 बजे तक अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा. इसके बाद यहां से पार्थिव शरीर को बीजेपी मुख्‍यालय पर ले जाया जाएगा. उनका अंतिम संस्‍कार कल दोपहर 2 बजे निगमबोध घाट पर किया जाएगा.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने अरुण जेटली को श्रद्धांजलि दी. वहीं बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह की ओर से बीजेपी के कार्यकारी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने पहुंचकर अरुण जेटली को श्रद्धांजलि दी.



पिछले दिनों अरुण जेटली को एक्‍स्‍ट्राकारपोरल मेंब्रेन ऑक्‍सीजनेशन (ECMO) और इंट्रा ऐरोटिक बैलून (IABP) सपोर्ट पर रखा गया था. लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे अरुण जेटली को सांस लेने में तकलीफ के चलते 9 अगस्‍त को एम्‍स में भर्ती कराया गया था. उनकी उम्र 67 वर्ष थी.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता अरुण जेटली के निधन पर शोक जताया. पीएम मोदी ने कहा अरुण जेटली का राष्‍ट्र निर्माण में अहम योगदान है. मैंने उनके रूप में दोस्‍त को खो दिया है. अरुण जेटली जी राजनीतिक दिग्‍गज थे. पीएम मोदी ने कहा कि जेटली जी ने कई बड़ी जिम्‍मेदारियां निभाईं. हमें हमेशा उनकी कमी खलेगी. अरुण जेटली जैसी समझ बहुत कम नेताओं में हैं.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुण जेटली की पत्‍नी और बेटे से फोन पर बात की. अरुण जेटली के परिवार ने अपील की है कि पीएम मोदी अपना विदेश दौरा रद्द ना करें. विदेश मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई है कि पीएम मोदी के दौरे में कोई बदलाव नहीं होगा. बता दें कि पीएम मोदी जी-7 समिट में हिस्‍सा लेने फ्रांस गए थे. वहां से वह शुक्रवार रात को संयुक्‍त अरब अमीरात गए हैं.


 



राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अरुण जेटली के निधन पर शोक जताया. गृह मंत्री और बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह ने कहा कि अरुण जेटली जी के निधन से मुझे गहरा आघात लगा है. उनके निधन से मुझे व्‍यक्तिगत क्षति पहुंची है. मैंने एक वरिष्‍ठ पार्टी नेता ही नहीं खोया, बल्कि एक ऐसा महत्‍वपूर्ण पारिवारिक सदस्‍य खोया है जो हमेशा मेरे लिए मार्गदर्शक रहेंगे.


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बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी ने भी जेटली के निधन पर शोक व्‍यक्‍त किया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और स्‍मृति ईरानी समेत अन्‍य नेताओं ने अरुण जेटली के निधन पर शोक जताया है. कांग्रेस की ओर से भी शोक जताया गया है. उप राष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू भी आंध्र प्रदेश के दौरे को बीच में रद्द करके दिल्‍ली आ रहे हैं. बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता अरुण जेटली के निधन पर राज्‍यसभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा ने भी शोक व्‍यक्‍त किया है. उन्‍होंने कहा कि जेटली जी का निधन राष्‍ट्रीय राजनीति में शून्‍य पैदा करता है. उनको विनम्र श्रद्धांजलि. उनकी कमी को कभी नहीं भरा जा सकता. 



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ऐसा रहा है अरुण जेटली का सफर :


1. अरुण जेटली का जन्‍म 28 दिसंबर, 1952 को दिल्‍ली में हुआ था. उनके पिता पेशे से वकील थे.  


2. अरुण जेटली ने नई दिल्ली के सेंट जेवियर्स स्कूल से 1957-69 तक पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम किया. उन्‍होंने दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से 1977 में लॉ की पढ़ाई पूरी की. 


3. अरुण जेटली लॉ की पढ़ाई के दौर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्र नेता भी थे. डीयू में पढ़ाई के दौरान ही वह 1974 में डीयू स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष बने.


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4. 1975 में देश में लगे आपातकाल का विरोध करने के पर उन्‍हें 19 महीनों तक नजरबंद रखा गया था. 1973 में वह जयप्रकाश नारायण और राजनारायण द्वारा चलाए जा रहे भ्रष्‍टाचार विरोधी आंदोलन में भी सक्रिय रहे. नजरबंदी खत्‍म होने के बाद उन्‍होंने जन संघ पार्टी ज्‍वाइन की.


5. 1977 में उन्‍हें दिल्‍ली एबीवीपी का अध्‍यख और ऑल इंडिया सेक्रेटरी बनाया गया. उन्‍हें 1980 में बीजेपी युवा मोर्चा का अध्‍यक्ष और दिल्‍ली ईकाई का सेक्रेटरी बनाया गया था.


6. अरुण जेटली ने 1987 में वकालत शुरू की. उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट से लेकर विभिन्‍न हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की. 1990 में दिल्‍ली हाईकोर्ट ने उन्‍हें वरिष्‍ठ वकील घोषित किया. 1989 में जेटली वीपी सिंह की सरकार में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल नियुक्‍त किए गए. उन्‍होंने बोफोर्स घोटाले की जांच की दस्‍तावेजी प्रक्रिया पूरी की थी.


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7. अरुण जेटली 1991 से बीजेपी की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्‍य रहे. 1999 के आम चुनाव में बीजेपी ने उन्‍हें पार्टी प्रवक्‍ता बनाया. जेटली ने जून 2009 को वकालत रोक दी. उन्‍हें राज्‍यसभा में 2009 से 2014 तक नेता विपक्ष बनाया गया था. 2009 में राज्‍यसभा में नेता विपक्ष बनने पर उन्‍होंने पार्टी महासचिव के पद से इस्‍तीफा दे दिया.


8. 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वह सूचना एवं प्रसारण राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) बनाए गए. इस सरकार में वह कानून मंत्री भी रहे. उन्‍हें विनिवेश का स्‍वतंत्र राज्‍यमंत्री भी बनाया गया. 2000 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद उन्‍हें कानून, न्‍याय, कंपनी अफेयर तथा शिपिंग मंत्रालय का मंत्री बनाया गया था.


फाइल फोटो

9. 2014 में अरुण जेटली ने बीजेपी की टिकट पर अमृतसर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा. लेकिन उन्‍हें कांग्रेस के उम्‍मीदवार कैप्‍टन अमरिंदर सिंह से हार मिली. 


10. अरुण जेटली गुजरात से राज्‍यसभा सदस्‍य रहे. मार्च 2018 में उन्‍हें उत्‍तर प्रदेश से राज्‍यसभा सदस्‍य चुना गया. 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद उन्‍होंने इस सरकार में वित्‍त मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय जैसे अहम मंत्रालय संभाले.


11. अरुण जेटली के बतौर वित्‍त मंत्री के कार्यकाल में ही सरकार ने भ्रष्‍टाचार और काले धन पर वार करते हुए 2016 में नोटबंदी की थी. सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए थे.


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12. 1982 में अरुण जेटली की शादी संगीता जेटली से हुई. उनके दो बच्चे हैं- रोहन और सोनाली. उनके दोनों बच्‍चे वकील हैं. 


13. 2018 में अरुण जेटली का दिल्‍ली स्थित एम्‍स में किडनी ट्रांसप्‍लांट हुआ. जनवरी, 2019 में डॉक्‍टरों को अरुण जेटली को सॉफ्ट टिशू सर्कोमा होने का पता चला. यह कैंसर का एक रूप था. इसके बाद न्‍यूयॉर्क में उनकी सफल सर्जरी हुई.


14. अरुण जेटली ने 29 मई, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर खराब स्‍वास्‍थ्‍य का हवाला दिया और कहा कि उन्‍हें नई सरकार में किसी भी तरह की अहम जानकारी न दी जाए.