चंडीगढ़: पंजाब सरकार के मंत्रियों के वेतन भत्तों का इनकम टैक्स सरकारी खजाने से भरा गया था जो कि दर्जन भर से भी अधिक मंत्रियों ने अभी तक सरकारी खजाने को वापिस नहीं लौटाया है. ऐसा एक आरटीआई कार्यकर्ता की तरफ से जुटाई गई जानकारी से पता चला है. यह राशि सताइस लाख रूपये से अधिक है. हालांकि अब कुछ मंत्रियों ने पैसा जमा करवाना शुरू कर दिया है जबकि कुछ मंत्री पैसा जल्द जमा करवाने की बात कर रहे हैं. 


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एक आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार पंजाब सरकार के दर्जन भर से भी अधिक मंत्रियों ने सरकारी खजाने से अदा किया गया उनके वेतन और भत्तों पर बनने वाला इनकम इनकम टैक्स का पैसा वापिस सरकारी खजाने में जमा नहीं करवाया है.


जबकि इसके लिए वित्त विभाग ने उनको याद भी दिलवाई थी. आरटीआई कार्यकर्ता अश्वनी चावला ने यह जानकारी जुटाई थी और उन्होंने बताया कि पंजाब में कांग्रेस सरकार ने खुद ही सरकारी खजाने का आर्थिक बोझ कम करने के मकसद से प्रावधान किया था कि मुख्यमंत्री, मंत्री और नेता विपक्ष अपनी सेलरी पर लगने वाला इनकम टैक्स खुद भरेंगे मगर बात भरने की आई तो अनदेखी करने लगे.


हालांकि यह बात सामने आते ही अब सरकार के मंत्री इनकम टैक्स का यह पैसा भरने के लिए तत्तपर हो गए हैं और कुछ ने भरना शुरू भी कर दिया है. परिवहन मंत्री रजिया सुल्ताना ने कहा कि उन्होंने आज सुबह ही टैक्स जमा करवा दिया है. उन पर एक लाख बयालीस हजार सैंतालीस रूपये बकाया था.


आपदा प्रबंधन मंत्री गुरप्रीत कांगड़ ने पहले तो कहा कि सभी को टेक्स भरना चाहिए मगर जैसे ही उनको बताया गया कि उनका भी बकाया है तो कहा कि जल्द ही भर देंगे. गुरप्रीत कांगड़ को दो लाख इकतालीस हजार रूपये अदा करने हैं. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू से बात की गई तो उन्होंने भी माना कि जल्द भर दिया जाएगा. 


स्वास्थ्य मंत्री को एक लाख बानवें हजार एक सो बारह रूपये सरकारी खजाने को अदा करना है. उधर इस बात का पता चलते ही अब विपक्ष सरकार को घेरने के लिए मैदान में उतर आया है. पंजाब के आर्थिक तंग हालातों का हवाला देकर सरकार के लोगों को सरकारी खजाने का पैसा लौटाने की नसीहत दी जा रही है.


आम आदमी पार्टी के विधायक मंजीत सिंह बिलासपुर ने सरकार को नसीहत दी है.   बहरहाल यह कहना शायद कोई गलत नहीं होगा कि सरकारी खजाने की सेहत सुधारने के लिए लोगों को टैक्स भरने की अपील करने वाली सरकार को खुद भी टैक्स भरने की अहमियत समझनी चाहिए.