नई दिल्ली : केंद्र की मंजूरी के बाद मंगलवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के पूर्व प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के खिलाफ मुकदमा चलाने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार ने आईएएस अधिकारी की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की याचिका भी खारिज कर दी।


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कुमार दिल्ली सरकार के अपने पूर्व के कार्यकाल को लेकर भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव समेत कई पदों पर काम किया था।


सीबीआई ने पिछले वर्ष दिसंबर में उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के आग्रह का गहराई से अध्ययन करने के बाद गृह मंत्रालय ने उनपर मुकदमा चलाने को अपनी मंजूरी दे दी।


केंद्र ने यह कहते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की उनकी याचिका खारिज कर दी कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़ा एक मामला लंबित है।


अपने आरोपपत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने वर्ष 2007 से 2015 के बीच ठेका देने में गड़बड़ी की, जिससे दिल्ली सरकार को करीब 12 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। प्राथमिकी में साथ ही दावा किया गया है कि अधिकारियों ने ठेका देने के एवज में तीन करोड़ रुपये का ‘अनुचित लाभ’ अर्जित किया।


कुमार को चार जुलाई को गिरफ्तार किया गया था और सीबीआई की एक अदालत ने 26 जुलाई को उनको जमानत दे दी थी।