नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में त्वरित यातायात सुविधा विकसित करने के लिये दिल्ली से मेरठ के बीच रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 30 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली देश की पहली आरआरटीएस परियोजना को मंजूरी दी गई. 


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उन्होंने बताया कि आवास एवं शहरी विकास मामलों के मंत्रालय द्वारा लागू की जाने वाली इस परियोजना के द्वारा एनसीआर क्षेत्र में दिल्ली से गाजियाबाद होते हुये मेरठ के बीच 80 किमी से अधिक दूरी का सफर हाईस्पीड रेल सेवा के माध्यम से लगभग एक घंटे में पूरा किया जा सकेगा. रैपिड रेल मार्ग की कुल लंबाई 82.15 किमी होगी. इसके मार्ग में 12 स्टेशन होंगे. 


वित्त मंत्री जेटली ने बताया कि इस परियोजना को पूरा करने में छह साल लगेंगे. इससे एनसीआर क्षेत्र में त्वरित यातायात सुविधा की शुरुआत होने के साथ ही इससे जुड़े क्षेत्रों में आवास एवं अन्य विकास कार्यों में तेजी आएगी. जेटली ने बताया कि इस परियोजना की कुल लागत 30274 करोड़ रुपये होगी. इसमें केंद्र सरकार 5634 करोड़ रुपये देगी. 


उल्लेखनीय है कि दिल्ली मेरठ आरआरटीएस परियोजना की कुल लागत का 40 प्रतिशत हिस्सा (लगभग 17 हजार करोड़) ऋण के रूप जुटाया जाएगा. जबकि उत्तर प्रदेश सरकार की हिस्सेदारी 4726 करोड़ रुपये और दिल्ली सरकार की हिस्सेदारी लगभग 1100 करोड़ रुपये होगी. तीन चरण में पूरी होने वाली आरआरटीएस परियोजना को आवास एवं शहरी विकास मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत गठित एनसीआर ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन (एनसीआरटीसी) अंजाम देगा. 


उल्लेखनीय है कि परियोजना के पहले चरण में दिल्ली मेरठ रैपिड रेल सेवा शुरु की जाएगी. जबकि दूसरे चरण में दिल्ली गुरुग्राम अलवर और तीसरे चरण में दिल्ली पलवल के बीच रैपिड रेल सेवा शुरु की जाएगी. जेटली ने बताया कि मंत्रिमंडल ने शहरी विकास से जुड़ी अहमदाबाद मेट्रो की दो परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गयी. उन्होंने बताया कि अहमदाबाद मेट्रो के दूसरे चरण में दो कॉरीडोर, मोटेरा स्टेडियम से महात्मा मंदिर और गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से गिफ्ट सिटी को मंजूरी दे दी गई. 


(इनपुट भाषा से)