नई दिल्ली: जामिया मिडिल स्कूल के फाइन आर्ट्स के युवा टीचर ग़ज़ाली मोईनुद्दीन की पेंटिंग ‘डांसिंग गार्डन‘ को तेहरान-ईरान की मुस्तफ़ा साइंस एंड टेक्नॉलजी फाउंडेशन (एमएसटीएफ) ने ‘हाल ऑफ फेम‘ के लिए चुना है. इसे उसके म्यूज़ियम में ख़ास जगह दी जाएगी. इस पेंटिंग में मोईनुद्दीन ने अपनी अनूठी और अपरंपरागत शैली में कलात्मकता को पेश किया है. उन्होंने पेंट ब्रश की बजाय, सिर्फ अपनी उंगलियों का इस्तेमाल करते हुए प्रकृति को एक अमूर्त और अर्द्ध यथार्थवाद रूप में चित्रित किया है. प्रकृति से प्रेरित, उनकी यह पेंटिंग खु़दा की रचना को श्रद्धांजलि है. जो सौहार्द और सद्भाव का प्रतिनिधित्व करती है.


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एमएसटीएफ के एंबेसडर डॉ. इरम रिज़वी की तरफ से ग़ज़ाली को एक सराहना पत्र मिला है. इसमें कहा गया है कि 57 ओआईसी मुल्कों की मुस्तफा साइंस एंड फाउंडेशन के लिए आपकी तरफ से भेजे गए आर्टवर्क के लिए आभारी हैं. आपने जिस तरह रंगों का संयोजन किया है, उसमें पूरी जीवंतता है. आपकी कला में किसी भी आर्ट हॉल का हिस्सा बनने की क्षमता है. इसलिए हम आपकी इस कलाकृति को एमएसटीएफ के हाल ऑफ फेम की चुनिंदा पेंटिंग्स में जगह देते हैं.



ग़ज़ाली की पेंटिंग्स, सौंदर्य के प्रतीक के रूप में विश्व शांति और वैश्विक सौहार्द को समर्पित हैं. जामिया मिल्लिया इस्लामिया से जुड़े, ग़ज़ाली को कई मंचों से मान्यता मिली है. उन्होंने एकल और सामूहिक दोनों तौर पर भारत और विश्वभर में पेंटिंग प्रदर्शनियां में हिस्सा लिया है. उन्होंनें मिस्र के शर्म अल शेख़ में आयोजित दुनिया के सबसे बड़ी आर्ट प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया है. भारत की तरफ से उसमें प्रतिनिधित्व करने वाले वह अकेले कलाकार हैं.