नई दिल्‍ली/चंडीगढ़ : एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) केस में हरियाणा के पूर्व मुख्‍यमंत्री और वरिष्‍ठ कांग्रेसी नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा पर मुकदमा चलाया जाएगा. सूत्रों ने यह जानकारी दी. उच्‍च पदस्‍थ सूत्रों के मुताबिक, इस संबंध में राज्‍यपाल राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने प्रवर्तन निदेशालय को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी. हुड्डा के साथ ही जांच एजेंसी हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (HUDA) के चार अधिकारियों पर भी केस चलाएगी. भूपेंद्र हुड्डा पर पहले से ही भ्रष्‍टाचार और धोखाधड़ी का केस दर्ज है.


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इसके बाद हुड्डा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि हमने कई और कंपनियों को भी जमीन दी थी. मुझे अदालत से न्‍याय मिलने का भरोसा है. मेरे खिलाफ केस राजनीति से प्रेरित कार्रवाई है.


मई 2016 में हरियाणा सतर्कता ब्‍यूरो ने हुड्डा के खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्‍टाचार का केस दर्ज किया था. राज्‍य के पूर्व मुख्‍यमंत्री के संदर्भ में प्रवर्तन निदेशालय ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में कहा था कि भूपिंदर सिंह हुड्डा ने अपने आधिकारिक ओहदे का गलत इस्‍तेमाल करते हुए 2005 में एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड को अवैध तरीके से पंचकूला में एक प्‍लॉट दोबारा अलॉट कर दिया था.



उल्‍लेखनीय है कि वर्ष 1982 में नेशनल हेराल्ड की सहयोगी कंपनी एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड को पंचकूला के सेक्टर-6 में 3360 वर्ग मीटर का एक इंस्टीट्यूशनल प्‍लॉट अलॉट किया गया था, लेकिन तय समय पर निर्माण ना किये जाने की वजह से वर्ष 1992 में प्‍लॉट को रेज्यूम कर लिया गया था.


वर्ष 2005 में हरियाणा में कांग्रेस की सरकार आई और भूपिंदर सिंह हुड्डा के मुख्यमंत्री रहते हुए हरियाणा अर्बन डेवेलपमेंट अथॉरिटी ने यह प्लाट फिर से केजेएल को री-अलॉट कर दिया गया. आरोप लगे कि यह री-अलॉटमेंट नियमों को ताक पर रखकर की गई. शिकायत है कि इससे राज्य सरकार को करीब 62 लाख रुपये का वित्‍तीय नुक्सान हुआ. भाजपा सरकार ने पहले इस मामले की जांच विजिलेंस को दी, मगर इसके बाद सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश केंद्र सरकार को की थी. केंद्र सरकार की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद मामला सीबीआई ने अपने हाथ में लिया और अब मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है.


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