राजू राज, नई दिल्ली: दिल्ली के बुराड़ी इलाके में चुंडावत परिवार से प्राप्त रजिस्टर में ‘भटकती आत्मा’ का जिक्र है. उसमें साथ ही आशंका जाहिर की गयी है कि परिवार अगली दीवाली नहीं देख सकेगा. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मृतकों में से एक ललित सिंह चुंडावत के शरीर में कथित तौर पर उसके पिता की आत्मा आती थी और इसके बाद वह अपने पिता की तरह हरकतें करता था और नोट लिखवाया करता था. रजिस्टर में 11 नवंबर , 2017 की तारीख में ललित ने परिवार के ‘कुछ हासिल’ करने में विफल रहने के लिए ‘किसी की गलती’ का जिक्र किया है.


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उसमें कहा गया है, “धनतेरस आकर चली गयी.  किसी की पुरानी गलती की वजह से कुछ प्राप्ति से दूर हो. अगली दीवाली न मना सको.  चेतावनी को नजरंदाज करने की बजाय गौर किया करो. ” 


1 नही 5 आत्माओं को मुक्ति दिलाना चाहता था ललित
बुराड़ी में 11 मौतों के मामले में क्राइम ब्रांच को जो रजिस्टर मिला था उसमें एक अहम खुलासा हुआ है. रजिस्टर में मिली जानकारी के अनुसार ललित अपने पिता भोपाल सिंह के अलावा 4 और लोगो की आत्मा को मुक्ति दिलाना चाहता था. इसके लिए वह लम्बे समय से रणनीति बना रहा था.   



रजिस्टर के पन्ने में दर्ज हैं पांच नाम 
रजिस्टर में 19 जुलाई 2015 को लिखे एक पन्ने में लिखा है कि "अपने सुधार में गति बढ़ा दो यह भी तुम्हारा धन्यवाद करता हूँ कि तुम भटक जाते हो पर फिर एक दूसरे की बात मानकर एक छत के नीचे मेल मिलाप कर लेते हो. 5 आत्माएं अभी मेरे साथ भटक रही है अगर तुम अपने मे सुधार करोगे तो उन्हें भी गति मिलेगी.तुम तो सोचते होंगे कि हरिद्वार जाके सब कुछ कर आएं तो गति मिल जाएगी. जैसे मैं इस चीज़ के लिए भटक रहा हूँ ऐसे ही सज्जन सिंह, हीरा, दयानंद, गंगा देवी मेरे सहयोगी बने हुए हैं. ये भी यही चाहते हैं कि तुम सब सही कर्म करके अपना जीवन सफल बनाओ. अगर हमारे नियमित काम पूरे हो जाएंगे तो हम अपने वास को लौट जाएंगे.



कौन थे ललित के पिता के सहयोगी 
रजिस्टर में दर्ज था कि ललित के पिता के साथ चार अन्य आत्माएं भटक रही हैं. ये सभी ललित के रिश्तेदार ही थी. रजिस्टर में मिली जानकारी के अनुसार ये थे ललित के पिता के सहयोगी. 


सज्जन सिंह- टीना के पिता, यानी ललित के ससुर
हीरा- प्रियंका के पिता
दयानंद व गंगा देवी- ये दोनों सुजाता के सास ससुर है, यानी ललित की बड़ी बहन के


इनपुट भाषा से भी