चंडीगढ़: जीएसटी ही नहीं बल्कि पंजाब और केंद्र के बीच बाढ़ राहत के पैसे को लेकर भी रार पैदा हो गई है. पंजाब आरोप लगा रहा है कि बाढ़ की विस्तृत रिपोर्ट भेजने के बावजूद भी केंद्र बाढ़ राहत का पैसा जारी नहीं कर रहा जबकि लोक सभा में केंद्र का जवाब था कि पंजाब से बाढ़ से सबंधित मांगी गई रिपोर्ट ही केंद्र को अभी तक नहीं भेजी गई. पंजाब में अगस्त महीने में आई बाढ़ की वजह से हुई तबाही के कारण पंजाब ने केंद्र से एक हजार करोड़ रुपये की आर्थिक मदद मांगी थी. पंजाब को जी एस टी का आधा पैसा जारी करके केंद्र ने अभी चैन की सांस भी नहीं ली होगी कि पंजाब की तरफ से अब बाढ़ राहत का पैसा जारी करने की आवाज भी उठने लगी है.


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पंजाब अब केंद्र पर बाढ़ राहत का पैसा जानबूझ कर जारी ना करने का आरोप लगा रहा है. हाल ही में लोक सभा में पंजाब कांग्रेस के सांसद जसबीर सिंह गिल ने यह मुद्दा उठाया तो केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री रत्न लाल कटारिया ने ज्वाब दिया कि पंजाब ने राहत राशि जारी करने के लिए केंद्र की तरफ से मांगी गई बाढ़ से हुए नुक्सान की विस्तृत रिपोर्ट अभी तक भेजी नहीं हैं. 


उधर दिलचश्प स्थिति यह है कि लोक सभा में 28 नवंबर 2019 यानि महज 18 दिन पहले पंजाब के इस स्वाल का जवाब देने वाले केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री रत्न लाल कटारिया भूल भी गए हैं कि उन्होंने पंजाब के इस मामले का लोक सभा में ज्वाब दिया भी था.


हालांकि हमने लोक सभा में स्वाल लगाने वाले कांग्रेसी सांसद जसबीर सिंह गिल का हवाला देकर भी उनको याद करवाने की कोशिश की मगर केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री मानो वर्षो पुरानी बात की तरह इसे बिलकुल भी भूल बैठे हैं. रत्न लाल कटारिया को बार बार याद करवाने पर भी उनको यह याद नहीं आया कि पंजाब के कांग्रेसी सांस्द जसबीर सिंह गिल ने बाढ़ राहत का पैसा जारी करने के लिए स्वाल लगाया था जिसका उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति राजयमंत्री होने के नाते ज्वाब भी दिया था.


उधर लोक सभा में पंजाब की तरफ से बाढ़ की रिपोर्ट ना दिए जाने का तर्क सुन कर पंजाब के नेता आग बबूला हो गए हैं. पंजाब का दावा है कि बाढ़ की तमाम विस्तृत रिपोर्ट केंद्र को भेजी जा चुकी है मगर पंजाब को मदद ना करने के इरादे से केंद्र ऐसा बहाना बना रहा है. पंजाब के आपदा प्रबंधन मंत्री गुरप्रीत कांगड़ ने बताया कि केंद्र को बाढ़ में हुए नुक्सान की विस्तृत रिपोर्ट भेजी जा चुकी है. 


दरअसल इसी साल अगस्त महीने में पंजाब में जबरदस्त बाढ़ आई थी जिसमे पंजाब के कई जिले बुरी तरह प्रभावित हुए थे. इसमें किसानो की फसलें, लोगों के मकान , पशु धन इत्यादि का काफी नुसकान हुआ था. पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधान मंत्री मोदी से एक हजार करोड़ रूपये बाढ़ राहत की मांग की थी.


इसके बाद केंद्र से एक टीम ने पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट जुटाई. इसके बाद जैसे जैसे बाढ़ का पानी उतरने लगा वैसे वैसे मुद्दा भी ठंडे बस्ते में जाने लगा लेकिन जो लोग बाढ़ से प्रभावित हुए वो आज भी सरकारी मदद मिलने के इन्तजार में बैठे हैं क्यूंकि खुद पंजाब सकरार कह रही है कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को मदद नहीं मिल सकी. 


बहरहाल पंजाब और केंद्र में सरकारें अलग अलग पार्टियों की होने की वजह से राजनीति के तोर पर व्यवहार अलग अलग हो सकता है मगर ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि ऐसे हालातों में क्या उन लोगों को कभी कोई सरकारी सहायता मिल पाएगी जो बाढ़ में अपना सब कुछ गवां कर मदद के लिए सरकारों की राह ताक रहें हैं.