नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 2016 में की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर राजद्रोह आरोप के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के अनुरोध संबंधी याचिका पर अपना फैसला सात जून को सुनाएगी. 


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अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने शिकायतकर्ता एवं वकील जोगिंदर तुली की दलीलें सुनने के बाद बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रखा. 



तुली ने मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जवानों के खून के पीछे छुपने और उनके बलिदान को भुनाने का आरोप लगाने संबंधी, 2016 के कथित आपत्तिजनक बयान के कारण पुलिस को कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया जाए.


दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई रिपोर्ट अदालत में 15 मई को दाखिल की थी, जिसमें पुलिस ने कहा था कि राहुल के खिलाफ कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता है. दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा था कि राहुल ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक बयान कथित तौर पर दिया, जिसके लिए एक वाद दायर किया जा सकता है. 


तुली ने कहा कि उन्होंने अक्टूबर 2016 में एक शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. शिकायतकर्ता ने यहां एक जनसभा में दिए कांग्रेस नेता के भाषण का हवाला दिया.


याचिका में दिल्ली पुलिस को भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (राजद्रोह) और अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.