नई दिल्ली: सीनियर एडवोकेट और सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर पहचान रखने वाले महमूद प्राचा ने मीडिया के सामने अल्पसंख्यको को उकसाने वाला बयान दिया है. दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में मीडिया को बुलाकर महमूद प्राचा ने कहा कि अब वक़्त आ गया है कि अल्पसंख्यक और एससी समाज के लोगों को अपनी हिफाज़त के लिए कानूनी तौर पर हथियार रखने चाहिये और इन्हें अपनी हिफाज़त में चलाना चाहिए क्योंकि कानून हमें इसकी इज़ाज़त देता है. बढ़ते मॉब लिंचिंग के मामलों के मद्देनजर महमूद प्राचा ने इसे जरूरी बताया और कहा कि इसी महीने की 26 तारीख़ को वो लखनऊ में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे.


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जिसमें हज़ारो लोगों को हथियारों का लाइसेंस लेने की प्रकिया के बारे में जानकारी दी जाएगी और फिर इसे इस्तेमाल के कानूनी तरीको के बारे में समझाया जाएगा. महमूद प्राचा से जब ये सवाल किया गया कि क्या ये सबकुछ उकसाने वाला नहीं है ? तो उन्होंने कहा कि ये सब जरूरी है क्योंकि एक खास सोच के लोग लोगों को मारने में नहीं हिचकिचा रहे, उन्हें भी इस बात का एहसास होना चाहिए कि सामने वाले के पास भी हथियार हो सकता है. 


महमूद प्राचा ने इशारों में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे लोगों को एक पार्टी बढ़ावा देती है, और ये लोग विधायक और संसद तक पहुंच जाते है. ऐसे में लोगों को हक़ है कि वो अपनी रक्षा के अधिकार को पहचाने. इस प्रेस वार्ता के दौरान महमूद प्राचा ने यहां तक कह दिया वो लखनऊ से शुरू करके पूरे देश में इस मुहिम को चलाएंगे ताकि लोग जागरूक है और मॉब लिंचिंग से बचने के लिए अपने पास हथियार रखे.


मॉब लिंचिंग से जुड़े मामलों के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन तो खूब हुए है लेकिन इस तरह से खुलेआम हथियारों की वक़ालत करने वाला बयान किसी की तरफ से नहीं आया था. महमूद प्राचा सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं और अक्सर टीवी डिबेट में शामिल होते है.


महमूद प्राचा की राजनैतिक तौर नजदीकियां दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित से रही है और हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान महमूद प्राचा पर्दे के पीछे कई जिम्मेदारियां संभाले हुए थे. ऐसे में उनके इन बयानों पर बवाल मचना भी तय माना जा रहा है.