नई दिल्लीः निगम चुनाव से पहले एसडीएमसी यानि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने बड़ा कदम उठाते हुए कालकाजी इलाके में बने करीब 60 साल पुराने निगम अस्पताल को सफदरजंग अस्पताल को सौंपने का फैसला किया है. बताया जा रहा है कि ‘‘धन के आभाव’’ से जूझ रहे एसडीएमसी का उद्देश्य ‘अधूरे पुनर्विकास’ की मार झेल रहे इस अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं को फिर से पटरी पर लाना है.


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राजधानी में 157 बिस्तरों वाले इस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को केंद्र द्वारा संचालित अस्पताल को सौंपने का यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब अप्रैल में नगर निगम चुनाव होने की उम्मीद है. अस्पताल को ‘‘स्थायी पट्टे’’ पर ट्रांसफर किये जाने के लिए पिछले कुछ समय से बातचीत चल रही थी और एसडीएमसी की स्थायी समिति ने मंगलवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.


एसडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘‘सफदरजंग अस्पताल सैद्धांतिक रूप से इस अस्पताल की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार है जल्द ही आधिकारिक तौर पर अस्पताल को सौंपे जाने के लिए सहमति पत्र पर दस्तखत हो जाएंगे.’’ इस अस्पताल का निर्माण 1950 के दशक में 30 बिस्तरों के साथ एक मंजिला इमारत में हुआ था. तब इसे ‘कालोनी अस्पताल’ कहा जाता था.


2007 में इस अस्पताल के पुनरोद्धार का काम शुरू हुआ लेकिन पर्यावरण और दूसरी स्वीकृतियों को लेकर इसका काम अटक गया. कालकाजी इलाके में 8540 वर्गमीटर इलाके में फैली इस आठ मंजिला भूकंपरोधी इमारत के पुनर्विकास का काम ‘‘अब भी अधूरा’’ है.