Breaking News: शाहीन बाग में आज से धारा 144 लागू, भारी पुलिस बल तैनात
शाहीन बाग में पिछले 77 दिनों से सीएए और एनआरसी विरोधी आंदोलन चल रहा है और प्रदर्शनकारी एक सड़क पर बैठे हुए हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने शाहीन बाग (shaheen bagh) में धारा 144 लागू कर दी है. बता दें शाहीन बाग में पिछले 77 दिनों से CAA और NRC विरोधी आंदोलन चल रहा है और प्रदर्शनकारियों एक सड़क पर बैठे हुए हैं.
पुलिस का कहना है कि 1 मार्च को हिंदु सेना शाहीन बाग में प्रदर्शन की घोषणा की थी हालांकि हिंदू सेना ने प्रदर्शन रद्द कर दिया लेकिन पुलिस ने एतिहातन यहां सुरक्षा व्यवस्था बढ़ी दी. ज्वाइंट कमीश्नर डी.सी. श्रीवास्तव ने कहा, 'एहतियातन सारे इंतज़ाम किए हैं, जिले के आला अफसर और CRPF की बाहरी फोर्स व दिल्ली पुलिस भी हमारे पास है. हमारी कोशिश है कि शांति बनी रहे और लोगों में सुरक्षा की भावना बनी रहे.'
गौरतलब है कि शाहीन बाग में जारी सीएए-एनआरसी विरोधी प्रदर्शन देश भर में चर्चा का विषय रहा है. शाहीन बाग के आंदोलन के बाद देश के कई शहरों में भी ऐसे ही प्रदर्शन हुए. शाहीन बाग का मसला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया.
इससे पहले 26 फरवरी को शाहीन बाग में सड़क खुलवाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हिंसा पर भी बात की थी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा था कि शाहीन बाग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए माहौल ठीक नहीं है, फिलहाल सुनवाई टालना सही रहेगा.
इससे पहले 24 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकारों वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े व वकील साधना रामचंद्रन ने सील बंद लिफाफे में एक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी. वार्ताकारों ने यह रिपोर्ट दिल्ली के शाहीनबाग के सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत के बाद सौंपी थी. कोर्ट वकील अमित साहनी व भाजपा नेता नंद किशोर गर्ग की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है. साहनी व गर्ग ने अपनी याचिका में शाहीनबाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग की है. प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली व नोएडा को जोड़ने वाली एक प्रमुख मार्ग को रोक दिया है.
शाहीन बाग में नाकाबंदी हटाने के लिए चल रहे प्रयासों में शामिल वजाहत हबीबुल्ला ने 23 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था, जिसमें उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) विरोधी स्थल पर सड़क को खोलने के लिए समाधान सुझाए थे. हलफनामे में कहा गया था कि आस-पास की कुछ सड़कों पर लगे बैरिकेड्स हटाने से स्थिति में तुरंत राहत मिल सकती है.