नई दिल्ली: तीस हजारी में हुई हिंसा के दौरान इतनी भीड़ में चली गोली वकील को कैसे लगी, क्या पुलिसकर्मी ने सीधे वकील को गोली मारी, या फिर हवा में चलाई, यही नहीं वो परिस्थितियां क्या इतनी गंभीर थी कि गोली चलानी जरूरी थी, इन सब बातों से सीबीआई की सीएफएसएल पर्दा उठाएगी..इसी के चलते रविवार के दिन तीस हजारी कोर्ट सीबीआई की सीएफएसएल की टीम घटना स्थल पर पहुंची, जहां सीन का रिक्रशन किया वहीं गोली चलने वाले स्थान की फोरेसिंक जांच की.


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हालांकि पुलिस की प्रारभिंक जांच में दावा किया गया है कि हिंसा के दौरान पुलिसकर्मी ने अपनी और साथियों की आत्मरक्षा के लिए गोली हवा में चलाई जो एक ग्रिल पर लगी और उसके टकराने के बाद वकील को लग गई, लेकिन वकील इस दावे को साफ इंकार कर रहें है..वकीलों का दावा है कि पुलिस ने गोली सीधी चलाई और लाठी चार्ज किया.


जिसके बाद भी उन्होंने अपनी आत्मरक्षा के लिए पुलिस को वहां से खदेड़ा था.. इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टीम केवल गोली चली परिस्थिति और कारण की जांच करेगी और उसकी रिपोर्ट एसआईटी को देगी, क्योंकि हाईकोर्ट ने इसमें अन्य एजेंसियों के अधिकारियों को इसमे लगाया है.. यही नही खुद दिल्ली पुलिस भी चाहती है कि वे जांच रिपोर्ट ऐसी दे जिस पर कोर्ट में दी जा रही उनकी दलीलें हल्की न रहें..


कोर्ट में कैदी नहीं, ड्यूटी मजिस्ट्रेट पहुंचेंगे तिहाड़
सुरक्षा कारणों के चलते सोमवार को भी तिहाड़ व मंडोली जेल से कैदियों को कोर्ट में नहीं लाया जाएगा.. उनकी सुनवाई के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट जेल में जाएगें और वहां बनी अदालतों में उन्हें सुनेगें. इस संबंध में दिल्ली पुलिस ने बताया कि सुरक्षा कारणों के तहत खुद कोर्ट ने ये निर्णय लिया है,क्योंकि जहां वकील हड़ताल पर है वहीं अभी तक मिली सुचनाओं के चलते इन कैदियों को कोर्ट ले जाना सुरक्षित नहीं है.