नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत पुलिस की उस अर्जी पर 29 जुलाई को आदेश पारित करेगी जिसमें मांग की गई है कि उपहार सिनेमा कांड में दोषी रियल एस्टेट कारोबारी सुशील अंसल और गोपाल अंसल यदि विदेश जाना चाहते हैं तो उन्हें अदालत की इजाजत लेने को कहा जाए. मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सुमित दास को इस अर्जी पर बुधवार (19 जुलाई) को ही आदेश पारित करना था, लेकिन उन्होंने इसके लिए अगली तारीख तय करते हुए कहा कि आदेश लिखने का काम अभी पूरा नहीं हुआ है.


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दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया है कि अंसल बंधुओं के विदेश भाग जाने की आशंका है. बहरहाल, अंसल बंधुओं के वकील ने पुलिस की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि दोनों कारोबारियों ने उपहार कांड में करीब एक दशक तक मुकदमे का सामना किया है और उनके खिलाफ एक बार भी शिकायत नहीं आई कि वे न्यायिक कार्यवाहियों से भागने की कोशिश कर रहे हैं.


उच्चतम न्यायालय ने हाल में गोपाल अंसल से कहा था कि वह 20 साल पुराने मामले में अपनी बाकी की एक साल जेल की सजा काटें, जबकि उनके बड़े भाई सुशील अंसल की बढ़ती उम्र से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए जेल की बाकी सजा काटने से राहत दे दी गई. 13 जून 1997 को हिंदी फिल्म ‘बॉर्डर’ दिखाए जाने के दौरान उपहार सिनेमा में आग लगने से 59 लोग मारे गए थे.