नई दिल्‍ली: हरियाणा में राज्‍य सरकार ने अफसरों के सरकारी वाहन के बेजा इस्‍तेमाल पर पाबंदी लगाने के लिए अनोखा तरीका ढूंढ़ा है. अब उन्‍हें सरकारी वाहन के निजी इस्‍तेमाल पर एक तरह का शुल्‍क चुकाना होगा. हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि अफसर अगर सरकारी वाहन का इस्‍तेमाल अपने निजी काम के लिए करेगा तो उसे 1000 किमी प्रति माह के 1000 रुपए अदा करने होंगे. 


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समाचार एजेंसी एएनआई ने मुख्‍यमंत्री की प्रेस कांफ्रेंस का एक वीडियो रिलीज किया है, जिसमें सीएम को यह कहते सुना जा सकता है कि अफसरों की जेब से कुछ निकाल पाना आसान होता है क्‍या...शुरू में कुछ तो निकले...उसके बाद ज्‍यादा निकालना शुरू करेंगे.


 



 


पहले 400 रुपए लेती थी सरकार
हरियाणा सरकार ने एक दिन पहले नया दिशा-निर्देश जारी किया था. उन्‍होंने कहा था कि अफसरों को अब अपने घर से दफ्तर जाने और 1,000 किलोमीटर तक गैर-सरकारी यात्रा के लिए सरकारी वाहनों का इस्तेमाल करने पर 1,000 रुपए देने होंगे. पहले उन्हें 400 किलोमीटर तक की यात्रा के लिए 400 रुपए हर माह देने होते थे. हालांकि, मंत्रियों के लिए नियम में कोई बदलाव नहीं किया गया है. उन्‍हें पहले की तरह ही 400 रुपए हर महीने देना होगा.


दिल्‍ली में भी लागू है नियम
इससे पहले दिल्‍ली सरकार ने व्यक्तिगत कामों के लिए सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल करने वाले सरकारी अधिकारियों पर नकेल कसी थी. दिल्ली सरकार ने सभी नौकरशाहों को निर्देश दिये थे कि वे हर महीने शपथ पत्र (अंडरटेकिंग) दें कि गाड़ियों का इस्तेमाल सिर्फ सरकारी काम के लिए किया गया है. यह फैसला तब लिया गया जब सरकार ने पाया कि समाज कल्याण विभाग के कुछ अधिकारी घर से कार्यालय और कार्यालय से घर जाने के लिए सरकारी वाहन का इस्तेमाल कर रहे थे, लेकिन वे परिवहन भत्ता का दावा भी कर रहे थे.


दिल्‍ली में अफसरों को देना होता है शपथपत्र
अधिकारी ने कहा कि सभी अधिकारियों को यह लिखित वचन हर महीने की 20 तारीख तक लेखा विभाग को देना होगा. समाज कल्याण विभाग ने एक आदेश में कहा, ‘‘यह निर्देश दिया जाता है कि सभी अधिकारी जो सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल करते हैं उन्हें निश्चित रूप से हर महीने की 20 तारीख तक यह अंडरटेकिंग देनी होगी कि आधिकारिक गाड़ी का इस्तेमाल सिर्फ सरकारी काम के लिये किया गया न कि घर से दफ्तर और दफ्तर से घर आने के लिये.’’


नियमों के मुताबिक स्टाफ कार की सुविधा लेने वाले अधिकारी सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल अपने व्यक्तिगत उद्देश्यों के लिये नहीं कर सकते. अधिकारी ने कहा कि इस अंडरटेकिंग से यह सुनिश्चित होगा कि अधिकारी सरकारी वाहनों का इस्तेमाल घर से दफ्तर और दफ्तर से घर आने-जाने के लिये न करें.