नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने 3499 विचाराधीन कैदियों को अंतरिम जमानत (Interim Bail) की अवधि समाप्त होने पर समर्पण (Surrender) करने का निर्देश दिया है. कोविड-19 (Covid-19) महामारी को देखते हुए जेलों में भीड़ कम करने की खातिर इन सभी को फौरी राहत दी गई थी.


हाई पावर्ड कमेटी की सिफारिश


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कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए ये फैसला लिया गया था. ताकि जेलों में भीड़भाड़ कम की जा सके. उच्चतम न्यायालय (Supreme court) द्वारा गठित हाई पावर्ड कमेटी (HPC) की सिफारिश पर कोर्ट ने यह फैसला लिया था. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की बेंच ने कहा, 'विचाराधीन कैदियों को लेकर एचपीसी (HPC) की कई बैठकों में तय मानकों के आधार पर पहले दी गई अंतरिम जमानत की मियाद को वह और बढ़ाने के लिए तैयार नहीं है.


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शनिवार को मुहैया कराई गई कॉपी


पीठ ने तीन मार्च के आदेश में कहा, ‘इसलिए निर्देश दिया जाता है कि सभी 3499 विचाराधीन कैदी, जिन्होंने संबंधित अदालतों या इस अदालत से ऊपर की अदालत से नियमित जमानत हासिल नहीं की है, उन्हें 7 मार्च से अंतरिम जमानत की मियाद खत्म होने पर जेल अधीक्षकों (Jail Superintendent) के सामने सरेंडर करना होगा.’ आपको बताते चलें कि इस आदेश की प्रति शनिवार को उपलब्ध करायी गई है.


इसमें कहा गया कि सभी 3499 विचाराधीन कैदियों को अलग-अलग तारीखों पर अंतरिम जमानत दी गई थी. इसलिए उनकी अंतरिम जमानत की अवधि भी अलग-अलग तारीखों पर समाप्त होगी. वहीं सरेंडर के लिए कोई निश्चित तारीख तय करने की जरूरत नहीं है.


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