Delhi Asha Kiran Deaths Inquiry: राजधानी दिल्ली में मानसिक रोगियों के लिए बने एक शेल्टर होम में रहने वाले 14 लोगों की मौत की खबर से हड़कंप मच गया है. इनमे से 23 मौतें पिछले 20 दिनों के दौरान हुई है. यह सनसनीखेज मामला दिल्ली सरकार की ओर से मानसिक रूप से कमजोर लोगों की देखभाल के लिए संचालित एकमात्र संस्था रोहिणी स्थित आशा किरण शेल्टर होम का है. दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने इस मामले में एसडीए स्तर की जांच करने और 48 घंटे में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं.


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आशा किरण शेल्टर होम, रोहिणी में बढ़ा मौतों का आंकड़ा


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आशा किरण शेल्टर होम, रोहिणी में 15 जुलाई से 31 जुलाई के बीच 12 लोगों की मौत हो गई थी. इनमें 10 महिलाएं और दो पुरुष हैं. वहीं, 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच एक और शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया था. फिलहाल एक शव का पोस्टमार्टम किया जाना बाकी है. एक सरकारी अधिकारी ने कहा, " आंकड़े के मुताबिक, जनवरी में तीन, फरवरी में दो, मार्च में एक, अप्रैल में तीन और मई में शून्य मौतें हुई थीं. हालांकि, जून और जुलाई में मरने वालों की संख्या में चिंता बढ़ाने वाली बढ़त दर्ज की गई."


20 से 30 साल के बीच बताई गई है ज्यादातर मृतकों की उम्र


आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, रोहिणी आशा किरण शेल्टर होम में मरने वाले ज्यादातर मानसिक रोगियों की उम्र 20 से 30 साल के बीच थी. यानी सभी नौजवान थे. उनकी मौत का कारण फेफड़ों में इन्फेक्शन, टीबी और निमोनिया सहित स्वास्थ्य की कई समस्यायों को बताया गया है. सूत्रों के मुताबिक, रोहिणी में दिल्ली सरकार के बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में दो शवों का पोस्टमॉर्टम होना बाकी है. दबी जुबान में शेल्टर होम में पीने के पानी के दूषित होने की भी बात कही जाती है.


मामले की मजिस्ट्रेट जांच और 48 घंटे में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश


मामले की जांच से जुड़े एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि मौत के ऐसे मामले भी थे, जिनमें कुपोषण के लक्षण भी दिखे हैं. फूड पॉइजनिंग की आशंकाओं को खारिज करने के लिए फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) की रिपोर्ट का भी इंतजार किया जा रहा है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, दिल्ली के रोहिणी स्थित सरकारी शेल्टर होम 'आशा किरण' में जनवरी 2024 से अब तक हुई 14 मौतों से संबंधित मामले में दिल्ली की मंत्री आतिशी ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) को तत्काल पूरे मामले की मजिस्ट्रेट जांच शुरू करने और 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं. 



ऐसी घटना को रोकने के लिए सुझाव, उपाय और सिफारिशों की मांग


मंत्री आतिशी ने जांच टीम को उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश करने का भी निर्देश दिया है, जिनकी लापरवाही के कारण ये मौतें हुई हैं. इसके साथ ही उन्होंने भविष्य में ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए सुझाव और उपाय दिए जाने के भी निर्देश दिए हैं. आतिशी ने कहा कि यह एक बहुत गंभीर मुद्दा है और इसकी गहन जांच की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि राजधानी दिल्ली में ऐसी बुरी खबर बहुत चौंकाने वाली है. हम इस तरह की चूक बर्दाश्त नहीं कर सकते.


पहले भी विवादों में घिरा रहा है रोहिणी स्थित आशा किरण शेल्टर होम


दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित किए जाने वाला आशा किरण शेल्टर, रोहिणी पहले भी विवादों में घिरा रहा है. साल 1989 में रोहिणी सेक्टर-1 में सरकार ने 350 लोगों के रहने की क्षमता वाले इस शेल्टर होम की स्थापना की थी. तब पूरे उत्तर भारत में मानसिक रूप से कमजोर लोगों के लिए यह इकलौता सरकारी शेल्टर होम था. लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में आशा किरण शेल्टर होम में हुई मौतों के कारण यह विवादों में घिरा रहा है. यहां होने वाली हरेक मौत की सूचना मिलने के बाद स्थानीय जिला मजिस्ट्रेट को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को रिपोर्ट भेजनी होती है.


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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक आशा किरण शेल्टर होम में कब-कितनी मौतें


इन सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2011 से 2017 के बीच आशा किरण शेल्टर होम में 123 पुरुष और 73 महिलाओं की मौत हुई. इससे पहले 2008-09 में नवंबर और दिसंबर में 16 मौतें हुईं. दिसंबर 2009 और जनवरी 2010 के बीच कुल 23 लोगों की मौत हुई. अगस्त, 2012 और सितंबर 2013 के बीच नौ, अक्टूबर, 2013 और नवंबर 2014 के बीच 13, अप्रैल 2014 से मई, 2015 के दौरान 11 और नवंबर 2015 से दिसंबर 2016 में 13 और वर्ष नवंबर 2017 से दिसबंर 2018 की अवधि में सात मौतें हुईं.


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