Priyansh Tanuja Case: दिल्ली के नाले में मां और बच्चे की मौत पर देशभर में गुस्सा, अब 5 अगस्त को हाई कोर्ट करेगा इंसाफ
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Priyansh Tanuja Case: दिल्ली के नाले में मां और बच्चे की मौत पर देशभर में गुस्सा, अब 5 अगस्त को हाई कोर्ट करेगा इंसाफ

Delhi Mother Son Death Case: दिल्ली बारिश में पूरी व्यवस्था चरमरा गई. हर साल ऐसा होता है लेकिन निर्दोष लोगों को इसकी कीमत जान देकर चुकानी होती है. पूर्वी दिल्ली में मां-बच्चे की मौत का मामला चर्चा में है. अब दिल्ली हाई कोर्ट तक मामला पहुंच गया है और सोमवार को इस पर सुनवाई होगी. याचिकाकर्ताओं को उम्मीद है कि हाई कोर्ट इंसाफ करेगा. 

Priyansh Tanuja Case: दिल्ली के नाले में मां और बच्चे की मौत पर देशभर में गुस्सा, अब 5 अगस्त को हाई कोर्ट करेगा इंसाफ

Delhi Rain Death: पूर्वी दिल्ली के एक खुले नाले में 3 साल के मासूम और उसकी मां की मौत पर पूरे देश में गुस्सा देखा जा रहा है. जिसने भी खबर पढ़ी, आंखों से आंसू बह निकले. बारिश से नाला समझ में ही नहीं आया. बच्चे का हाथ छूटा तो मां भी नाले में चली गई. बाद में दोनों का शव मिला और वे तब भी एक दूसरे का पकड़े हुए दिखे. अब मामला दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गया है. याचिका में डीडीए, दिल्ली के उपराज्यपाल, दिल्ली पुलिस और केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय को पक्षकार बनाया गया है. याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से इंसाफ की गुहार लगाई है. 

31 जुलाई की घटना

दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह एक महिला और उसके तीन साल के बेटे की मौत के मामले में कथित लापरवाही के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के ठेकेदार और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध करने वाली याचिका पर पांच अगस्त को सुनवाई करेगा. यहां जलभराव के कारण 31 जुलाई को नाले में गिरने से इन दोनों की मौत हो गई थी.

तत्काल सुनवाई नहीं लेकिन...

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ के समक्ष याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए पेश किया गया. पीठ ने इसे तुरंत सूचीबद्ध करने के अनुरोध को तो अस्वीकार कर दिया लेकिन यह भी कहा कि इस पर सोमवार को सुनवाई होगी.

तनुजा (22) और उसका बेटा प्रियांश 31 जुलाई को पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर इलाके में एक साप्ताहिक बाजार गए थे. उसी दौरान नाले में गिर गए थे. घटना रात करीब आठ बजे खोड़ा कॉलोनी इलाके के पास हुई, जहां सड़क किनारे नाले का निर्माण जारी था. पुलिस ने बताया कि जब शवों को पानी से बाहर निकाला गया तो महिला का बेटा उस समय भी उसकी बाहों में था.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. 

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मयूर विहार फेज तीन के निवासी झुन्नू लाल श्रीवास्तव द्वारा दायर याचिका में ठेकेदार और डीडीए के अधिकारियों की जवाबदेही तय करने का निर्देश देने की अपील की गई है. याचिका में दोनों पीड़ितों के परिवार के लिए मुआवजे की भी मांग की गई है.

याचिका में कहा गया है, ‘वर्षा के कारण दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने और उसे कम करने के लिए नीतियां बनाने और अपनाने के लिए प्रतिवादियों को निर्देश जारी करें और दिल्ली में सभी खुले नालों को तत्काल प्रभाव से ढकने का निर्देश दें और जनता को नालों से दूर रहने के लिए जागरूक करने वाले उचित संकेत लगाएं.’

याचिका में अधिकारियों को दिल्ली में जारी रही सभी नाला निर्माण परियोजनाओं का व्यापक ऑडिट करने, बैरिकेड्स, चेतावनी संकेत और पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था सहित उचित सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश देने की भी अपील की गई है. याचिका में पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने और उस घटना की जांच शुरू करने का निर्देश देने की अपील की गई है जिसके कारण महिला और उसके बेटे की मौत हुई. (भाषा इनपुट)

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