GST कर प्रणाली में लगातार हो रहे संसोधनों के विरोध में, कैट करेगा आंदोलन
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GST कर प्रणाली में लगातार हो रहे संसोधनों के विरोध में, कैट करेगा आंदोलन

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज (CAIT) ने जीएसटी कर प्रणाली की नए सिरे से समीक्षा करके, नियमों को सरल और तार्किक बनाने के लिए राष्ट्रीय आंदोलन करने का ऐलान किया है. 

GST कर प्रणाली में लगातार हो रहे संसोधनों के विरोध में, कैट करेगा आंदोलन

नई दिल्ली: पिछले 5 सालों में GST कर प्रणाली में GST काउन्सिल ने बिना व्यापारियों से परामर्श किए नियमों में लगातार बदलाव किया है, जिससे उसकी कार्यप्रणाली सरल होने की जगह और जटिल हो गई है. इस वजह से देश भर के व्यापारी वर्ग में बेहद असंतोष है, जिसके बाद अब कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज (CAIT) ने जीएसटी कर प्रणाली की नए सिरे से समीक्षा कर नियमों को सरल और तार्किक बनाने के लिए राष्ट्रीय आंदोलन करने का ऐलान किया है. 

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दी जानकारी
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि,  इस देशव्यापी आंदोलन की शुरुआत आगामी 26 जुलाई को भोपाल से होगी. इस आंदोलन में देश के 50 हजार से ज्यादा व्यापारी संगठन भाग लेंगे. देश के प्रत्येक राज्य में व्यापारियों द्वारा सघन आंदोलन और बड़ी रैलियां की जाएंगी. सितम्बर में दिल्ली में एक बड़ी राष्ट्रीय रैली भी होगी. इस आंदोलन में ट्रांसपोर्ट, किसान, स्वयं उद्यमी, महिला उद्यमी, छोटे एवं मध्यम निर्माता आदि के राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय संगठनों को भी शामिल किया जाएगा.
  
5 सालों में हुए 1100 से अधिक संसोधन
GST के संसोधनों को लेकर अब व्यापारियों के सब्र का बांध अब टूट चुका है. पिछले 5 सालों में GST काउन्सिल के द्वारा 1100 से अधिक मनमाने संशोधन किए गए हैं.  रोजमर्रा की चीजों जैसे- टैक्सटाइल, फुटवियर की कर दर में वृद्धि और अब बिना ब्रांड वाले खाद्यान एवं अन्य उत्पादों को जीएसटी कर दायरे में लाना. इन सबसे आम आदमी पर महंगाई का बोझ हर दिन बढ़ता जा रहा है. जिस प्रकार से जीएसटी के मूल स्वरूप को विकृत किया है, उससे पता लगता है कि कर प्रणाली को सरल बनाने तथा कर दायरे को विकसित करने में काउन्सिल की कोई रूचि नहीं है. कैट ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आम आदमी के जीवन को सरल बनाने तथा ईज ऑफ डूइंग में घोषित उद्देश्यों के खिलाफ है. 

कर दरों में विसंगतियों एवं राज्यों के मनमाने व्यवहार से कर प्रणाली दूषित हो गई है, जिसको सुधारना बेहद आवश्यक है. इसके लिए जीएसटी के कानून एवं नियमों की नए सिरे से पूर्ण समीक्षा की जाना बेहद जरूरी है, जिसके लिए अब कैट आंदोलन करेगा. 

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