विनोद लांबा/चंडीगढ़ :  हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य और तकनीकी शिक्षा मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई शिक्षा नीति 2020 में लाई गई थी, जिसे 2030 तक पूरी तरह लागू करने का लक्ष्य है. मगर, हमने हरियाणा में फैसला किया है कि हम 2025 तक इसे पूरी तरह से लागू कर देंगे. 


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अनिल विज मंगलवार को अंबाला छावनी स्थित एसडी कॉलेज के सभागार में वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि  संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, नई शिक्षा नीति में बहुत बदलाव होना है और विद्यार्थियों को भिन्न-भिन्न विषय लेने का अधिकार नई नीति में मिलेगा. 


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उन्होंने कहा कि पहले हम गुलाम थे और अंग्रेजों को केवल ऑफिस का काम करने के लिए क्लर्क चाहिए थे. अंग्रेजों ने हमें केवल यही सिखाया, मगर आजादी के 50-60 साल बाद भी यही शिक्षा नीति चलती रही. अब पहली बार सरकार ने देश को आगे बढ़ाने के लिए नई शिक्षा नीति विचार किया और इसी वजह से यह नीति बनाई.


विज ने कहा कि हरियाणा सरकार नए पहलुओं को शामिल कर नई शिक्षा नीति लागू करेगी और हम एक मजबूत एवं श्रेष्ठ भारत बनाने के लिए हम आगे बढ़ेंगे. समारोह में गृहमंत्री अनिल विज ने कॉलेज के 207 विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया और कॉलेज गतिविधियों के लिए एसडी कॉलेज प्रबंधन को 20 लाख रुपये देने की घोषणा की. 


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छात्रों से बोले, देश को चाहिए अच्छे राजनेता  


गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि देश में अच्छे राजनेताओं की कमी है. इसलिए युवा आगे चलकर राजनेता बनने पर भी विचार करें. विज ने कहा कि बहुत समय बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में एक अच्छा राजनेता मिला है जो आज देश को आगे ले जा रहा है, लेकिन हमें स्थानीय स्तर पर भी अच्छे नेता चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था राजनेताओं के माध्यम से चलती है और अगर हम अच्छे राजनेता पैदा नहीं करेंगे तो देश को आगे नहीं बढ़ा सकते.  


अनिल विज ने ​पुराने दिन किए याद 


एसडी कॉलेज से ही पढ़ने वाले गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि यह उनका अपना कॉलेज है. जब भी वह इस कॉलेज में आते हैं तो वह 50 साल पीछे चले जाते हैं. उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए कहा कि उन्हें वह खिड़की याद आ जाती है, जहां लाइन में खड़े होकर वह अपनी फीस जमा कराते थे. उन्हें उस समय के सभी प्रोफेसर जेके अरोड़ा, प्रो. दत्ता व अन्य  याद आने शुरू हो जाते हैं, जिनसे वह चर्चा करते थे. हमारे प्रिंसिपल गोपाल दास जी थे और वह लंबी चर्चा राजनैतिक विषयों पर किया करते थे.


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