Congress Poster War: Delhi में AAP पर कांग्रेस का पोस्टर वार, सिसोदिया और जैन को बताया `भ्रष्टाचारी`
Congress Poster War: दिल्ली कांग्रेस ने एआईसीसी और दिल्ली कांग्रेस कार्यालय के बाहर मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के पोस्टर लगाए हैं, जिसमें उन्हें भ्रष्टाचारी बताया गया है.
Congress Poster War: मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर दिल्ली में पोस्टर वार शुरू हो गया है. दिल्ली कांग्रेस ने एआईसीसी और दिल्ली कांग्रेस कार्यालय के बाहर मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के पोस्टर लगाए हैं. आबकारी नीति मामले में फरवरी में सिसोदिया को CBI ने गिरफ्तार किया था तो वहीं मनी लांड्रिंग केस में सत्येंद्र जैन जेल में हैं.
दिल्ली कांग्रेस का AAP के खिलाफ पोस्टर वार
26 फरवरी को हुई सिसोदिया की गिरफ्तारी
दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में 26 फरवरी को CBI ने मनीष सिसोदिया को 8 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. 27 फरवरी को सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया था. 04 मार्च को सिसोदिया की रिमांड खत्म होने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से कोर्ट ने उन्हें और 2 दिन की रिमांड पर भेज दिया. आज सिसोदिया की रिमांड खत्म हो रही है, जिसके बाद उन्हें फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा.
28 फरवरी को सिसोदिया और जैन का इस्तीफा
28 फरवरी को मनीष सिसोदिया ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसे गलत परंपरा बताते हुए हाईकोर्ट में जाने की बात कही. जिसके बाद मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने अपना इस्तीफा दे दिया. सिसोदिया के पास दिल्ली के 33 में से 17 विभाग थे.
सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद AAP पर BJP और कांग्रेस का हमला
मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद से ही BJP और कांग्रेस AAP पर हमलावर है. सिसोदिया की आड़ में वो CM केजरीवाल से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. वहीं अब कांग्रेस ने पोस्टर शेयर करते हुए एक बार फिर मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के बहाने AAP पर निशाना साधा है.
AAP को मिल रहा विपक्षी पार्टियों का साथ
मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद एक ओर जहां BJP और कांग्रेस AAP पर हमलावर है. वहीं दूसरी विपक्षी पार्टियां AAP के साथ खड़ी नजर आ रही हैं. 9 विपक्षी नेताओं ने PM नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी एक लोकतांत्रिक देश के रूप में भारत के लिए अच्छा संकेत नहीं है. इस पत्र को में अरविंद केजरीवाल, उद्धव ठाकरे, केसीआर, भगवंत मान, फारूक अब्दुल्ला, अखिलेश यादव, शरद पवार, तेजस्वी यादव और ममता बनर्जी ने पत्र ने हस्ताक्षर किए हैं.