Sanjay Singh Bail: देश में लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच जिस तरह आम आदमी पार्टी के एक के बाद एक शीर्ष नेता जेल भेजे जा रहे थे, उससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई थी कि आखिर आम आदमी पार्टी किस तरह चुनाव प्रचार करेगी. एक सवाल ये भी उठा थे कि अगर आतिशी और सौरभ भारद्वाज भी जेल गए तो क्या होगा. ऐसे सभी सवालों पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने विराम लगा दिया.


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कोर्ट ने दिल्ली आबकारी मामले में 4 अक्टूबर, 2023 से तिहाड़ में बंद आप सांसद संजय सिंह को जमानत दे दी. ठीक चुनाव से पहले कोर्ट के इस फैसले ने आम आदमी पार्टी को जैसे संजीवनी दे दी. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि संजय सिंह राजनीतिक गतिविधियों में भी हिस्सा ले सकेंगे. यानी अब दिल्ली समेत पूरे देश में संजय सिंह पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में जमकर चुनाव प्रचार कर सकेंगे.


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दिल्ली आबकारी नीति मामले में आप नेता संजय सिंह 4 अक्टूबर, 2023 से जेल में थे. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में  सुनवाई के दौरान ED ने संजय सिंह की जमानत का विरोध नहीं किया. आप के बड़े नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को प्रवर्तन निदेशालय ED ने दिनभर की छापेमारी के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था. इसके बाद AAP और इसके राष्ट्रीय संजोयक अरविंद केजरीवाल के लिए बहुत बड़ा झटका माना गया. इसके बाद पार्टी को कई मौकों पर बड़ा नुकसान झेलना पड़ा.


केजरीवाल के दो मजबूत हाथ


अन्ना आंदोलन के वक्त संजय सिंह ने अरविंद केजरीवाल का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया था. इसके बाद संजय सिंह, केजरीवाल के सबसे करीबी नेताओं में से एक बनकर उभरे और हमेशा उनके साथ खड़े रहे. संजय सिंह के अलावा अरविंद केजरीवाल के भरोसेमंद साथी के तौर पर मनीष सिसोदिया का नाम भी सबसे आगे रहा. यहीं वजह है कि सिसोदिया को केजरीवाल का दायां हाथ और संजय को बायां हाथ माना जाने लगा.


AAP पर बड़ा असर


बता दें कि संजय सिंह का पार्टी में कद इतना बड़ा है कि केजरीवाल और सिसोदिया के बाद संजय सिंह ही है, जिनकी पकड़ पार्टी के सभी बड़े नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं पर है. पार्टी की सभी अहम रणनीति और विस्तार की योजनाओं में उनकी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका देखने को मिली है. संजय सिंह राज्यसभा से सांसद हैं और सड़क से संसद तक पार्टी की आवाज को मजबूती से रखते रहे हैं. अब सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद संजय सिंह एक बार फिर से पूरे जोरशोर से पार्टी के लिए चुनाव प्रचार के लिए जी जान से जुटेंगे.  


UP के इस छोटे से जिले से तालुक रखते संजय सिंह


AAP नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह 6 महीने के बाद ED की गिरफ्त और तिहाड़ जेल से आजाद हो गए. संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत मिली है. बता दें कि उत्तर प्रदेश के एक छोटे से जिले के रहने वाले संजय सिंह का जन्म 22 मार्च, 1972 में सुल्तानपुर में हुआ था. पिता का नाम दिनेश सिंह और मां राधिका सिंह हैं. सुल्तानपुर से अपनी 12वीं तक की पढ़ाई लिखाई की. इसके बाद संजय सिंह आगे की पढ़ाई के लिए संजय अपने परिवार और घर से दूर माइनिंग इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए ओडिशा चले गए. स्कूल आफ माइनिंग इंजीनियरिंग का डिप्लोमा लेने के बाद संजय सिंह ने धनबाद में नौकरी करना शुरु कर दिया.  


नौकरी नहीं देश की सेवा में लगता है मन


देश की सेवा करने के मकसद से जन्मे संजय सिंह का मन नौकरी में नहीं लगा और कुछ ही समय में उन्होंने अपनी नौकरी को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया. इसके बाद उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम करना शुरू कर दिया. समाजसेवा में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाले संजय सिंह शुरुआत में बिना किसी राजनीतिक पार्टी के सदस्य बने और उन्होंने राजनीति गतिविधियों में सक्रियता दिखाना शुरू कर दिया. इसके बाद उन्होंने 1994 में 'सुल्तानपुर समाज सेवा संगठन' के नाम से एक संगठन बनाया.


गरीबों की भलाई के लिए किया काम


संजय सिंह अपने इस संगठन के जरिए गरीबों की भलाई के लिए काम करना शुरू कर दिया, लेकिन इससे पहले संजय सिंह सोशलिस्ट पार्टी के रघु ठाकुर के साथ भी जुड़े और उनके आंदोलन का हिस्सा लिया. रघु ठाकुर लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं, फिलहाल वह पार्टी के संरक्षक हैं.


राजनीति में संजय सिंह की एंट्री


आपको बता दें कि 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान में हुए अन्ना आंदोलन से संजय सिंह ने एक बार फिर से बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. इस दौरान, इस आंदोलन में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal), मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) और अन्य लोगों के अनशन के दौरान संजय सिंह ने सक्रिय भूमिका निभाई और इसके बाद 26 नवंबर, 2012 को जब केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी का गठन हुआ तो संजय सिंह इसके संस्थापक सदस्य बने. मगर जब AAP ने अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया तो उस वक्त संजय सिंह ने चुनाव लड़ने की अपनी तरफ से कोई इच्छा नहीं जताई.


इसके बाद संजय सिंह 8 जनवरी, 2018 को राज्यसभा सदस्य चुने गए. इसी के साथ वो बिहार और यूपी में भी पार्टी के प्रभारी नियुक्त किए जा चुके हैं. 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 28 सीटें जीती और साल 2015 में जब दिल्ली विधानसभा के चुनाव में AAP को प्रचंड बहुमत मिली. हाल ही में AAP ने राज्यसभा का कार्यकाल खत्म होने के बाद दूसरी बार संजय सिंह को राज्यसभा भेजा है. पिछले सप्ताह ही उन्होंने जेल से जाकर राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ ग्रहण की थी.