Arvind Kejriwal: ईडी ने कोर्ट में ऐसा क्या कहा कि CM केजरीवाल को भेजा गया तिहाड़ जेल, जानें
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Arvind Kejriwal: ईडी ने कोर्ट में ऐसा क्या कहा कि CM केजरीवाल को भेजा गया तिहाड़ जेल, जानें

Arvind Kejriwal News: ईडी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल से 9 दिन तक पूछताछ की गई. उस दौरान उनके कई बार बयान दर्ज किए गए. उनका आमना सामना गवाहों, सरकारी गवाहों और सह आरोपियों के बयान से कराया गया, लेकिन उन्होनें सवालों के सीधे जवाब नहीं दिए और जानकारी को छुपाने की कोशिश की. 

Arvind Kejriwal: ईडी ने कोर्ट में ऐसा क्या कहा कि CM केजरीवाल को भेजा गया तिहाड़ जेल, जानें

Delhi Liquor Policy Case News: दिल्ली शराब घोटाले मामले में CM अरविंद केजरीवाल की ED कस्टडी खत्म होने के बाद कोर्ट ने 15 अप्रैल तक दिल्ली के सीएम को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इसके चलते पुलिस की कड़ी सुरक्षा में जेल लाया गया, जहां उन्हें तिहाड़ की जेल नंबर 2 में पूरी सुरक्षा के साथ अकेले ही रखा जाएगा.

बता दें कि केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजने के लिए दी गई अर्जी में ईडी ने क्या आरोप लगाए और ED ने कोर्ट में क्या कहा. आइए आपको बताते हैं. 

सीएम केजरीवाल ने सवालों के सीधे जवाब नहीं दिए 
ईडी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल से 9 दिन तक पूछताछ की गई. उस दौरान उनके कई बार बयान दर्ज किए गए. उनका आमना सामना गवाहों, सरकारी गवाहों और सह आरोपियों के बयान से कराया गया, लेकिन उन्होनें सवालों के सीधे जवाब नहीं दिए और जानकारी को छुपाने की कोशिश की. ईडी ने कहा कि जब अरविंद केजरीवाल से विजय नायर से उनकी बातचीत के बारे में पूछा तो अरविंद केजरीवाल ने बताया कि विजय नायर उन्हें नहीं बल्कि आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करते थे. मेरी उनसे बहुत कम बातचीत होती थी. 

विजय नायर ने क्यों CM कैंप ऑफिस का इस्तेमाल?
हालांकि, खुद विजय नायर अपने बयान में कह चुका है कि वो एक कैबिनेट मंत्री के आवास में रह रहा था और सीएम कैंप ऑफिस से वो काम करता था. इस पर केजरीवाल से पूछा गया कि आखिर आप के दूसरे नेताओं के लिए काम करने वाला विजय नायर क्यों CM कैंप ऑफिस का इस्तेमाल कर रहा था. इस पर केजरीवाल ने कोई सीधे जवाब न देकर कहा कि कि कैंप ऑफिस में कौन काम करता है, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. विजय नायर आप पार्टी का कोई मामूली कार्यकर्ता नहीं बल्कि पूरे मीडिया और कम्युनिकेशन सेल का हेड था. केजरीवाल को विजय नायर के कई व्हाट्सएप चैट दिखाए गए जोकि उनके करीबी रिश्तों को दर्शाते हैं. केजरीवाल ने कोई सन्तोषजनक जवाब नहीं दिया. केजरीवाल की ओर से डिजिटल डिवाइस के पासवर्ड नहीं दिए गए.

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विजय नायर से जुड़े सवालों को टाला
केजरीवाल को विजय नायर की दूसरे सह-आरोपीयों, दिनेश अरोड़ा और अभिषेक बोइनपल्ली जैसे बिचौलियों के साथ 10 से अधिक बैठकों के सबूत दिखाए गए. उनसे जब पूछा गया कि किस अधिकार से विजय नायर इन बैठकों में शामिल हुए तो भी केजरीवाल ने इनके बारे में अंजान होने का दावा कर सवाल को टाल दिया. इसपर ईडी ने कहा कि यह साफ है कि विजय नायर जैसे वरिष्ठ पदाधिकारी पार्टी के प्रमुख की मंजूरी और स्वीकृति के बिना खुद ऐसी बैठक नहीं कर सकते थे. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि इन साजिशों का अंत में फायदा गोवा चुनाव अभियान में AAP को ही मिला.

AAP नेताओं के बयानों को बताया भ्रमित 
ईडी ने कहा कि सीएम केजरीवाल ने AAP के दूसरे सदस्यों के बारे में भी झूठे और विरोधाभासी बयान दिए हैं. जब उनका सामना अपनी ही पार्टी के नेताओं के दिए गए बयानों से कराया गया तो उन्होंने उन्हें भ्रमित बताया. AAP के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एनडी गुप्ता ने अपने बयान में खुलासा किया है कि राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल राज्य चुनाव प्रभारी की नियुक्ति करते हैं. राज्यप्रभारी को चुनाव प्रचार संबंधी सभी मामलों का प्रबंधन करना होता है. गोवा चुनाव के मामले में दुर्गेश पाठक को चुना गया. हालांकि, अरविंद केजरीवाल का कहना है कि पीएसी (राजनीतिक मामलों की समिति) ने राज्य चुनाव प्रभारी चुनने का फैसला किया. जब एनडी गुप्ता के बयान को केजरीवाल दिखाया जाता है, (जिसमें गुप्ता ने कहा कि राज्य प्रभारी नियुक्त करने का निर्णय राष्ट्रीय संयोजक लेते हैं) तो अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष भ्रमित है.

साथ ही ईडी ने लगाए और भी ये आरोप
वहीं उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल को लगभग 45 करोड़ रुपये के हवाला ट्रांसफर के सबूत दिखाए गए, जिसकी पुष्टि सीडीआर लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड, गोवा में हवाला फर्म के जब्त आईटी डेटा, व्हाट्सएप चैट से भी होती है. उन्हें गोवा में AAP चुनाव अभियान पर काम करने वाले कई गवाहों के बयान भी दिखाए गए, जिन्होंने गोवा में AAP चुनाव अभियान के लिए काम कर रहे चनप्रीत सिंह से नकदी हासिल की थी. जिस व्यक्ति ने हवाला के जरिये 45 करोड़ रुपये की नकदी जुटाने का काम किया था उसे AAP से सीधे अपने बैंक खाते में 2,20,340 रुपये भी हासिल हुए. ये सभी सबूत दिखाने के बाद भी केजरीवाल ने दावा किया कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है. जबकि मामले में लाभार्थी AAP है और इसके और कोई नहीं बल्कि अरविंद केजरीवाल ही हैं