Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर खातिर इस महिला की कठोर प्रतिज्ञा, 30 साल से धारण किया है मौनव्रत
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Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर खातिर इस महिला की कठोर प्रतिज्ञा, 30 साल से धारण किया है मौनव्रत

Saraswati Devi Jharkhand: झारखंड की रहने वाली सरस्वती देवी पिछले 30 वर्षों से राम मंदिर के लिए मौन व्रत धारण की हुईं हैं. उन्होंने ये कसम खाई थी कि जब तक राममंदिर नहीं बन जाता तब तक वो एक शब्द नहीं बोलेंगी. 

Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर खातिर इस महिला की कठोर प्रतिज्ञा, 30 साल से धारण किया है मौनव्रत

Ram Mandir Saraswati Devi: राम मंदिर का उद्घाटन अब बस कुछ ही दिनों बाद होने वाला है. इसके लिए देश-दुनिया में राम के भक्त काफी उत्साहित हैं. ऐसे ही भक्तों में से एक भक्त हैं सरस्वती देवी. सरस्वती देवी ने 30 साल पहले कसम खाई थी कि जब तक राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में नहीं हो जाता, तब तक वो एक शब्द नहीं बोलेंगी. इसी वजह से पिछले 30 साल उन्होंने मौन व्रत धारण किया हुआ है.

झारखंड की रहने वाली हैं सरस्वती देवी
दरअसल, झारखंड की सरस्वती देवी ने 6 दिसंबर 1992 को ये कसम खाई थी कि जब तक राम मंदिर का निर्माण रामलला के जन्मस्थल पर नहीं हो जाता, तबतक वो अपने मुंह से एक शब्द नहीं निकालेंगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरस्वती देवी जो 'मौनी माता' के नाम से भी काफी प्रचलित हैं, उन्होंने बाबरी विध्वंस के दिन ये प्रतिज्ञा ली थी कि जिस दिन अयोध्या में राममंदिर बनेगा और उसका निर्माण पूरा होगा, उसी दिन वो अपने मुंह से किसी शब्द का उच्चारण करेंगी.  

सांकेतिक भाषा का करती थीं इस्तेमाल
धनबाद की रहने वाली सरस्वती देवी सोमवार के दिन ट्रेन पकड़कर अयोध्या के लिए रवाना भी हो चुकी हैं. ताकि वो इस ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बन पाएं. एक मीडिया रिपोर्ट में सरस्वती देवी के जानने वालों के हवाले से यह बताया गया है कि इससे पहले सरस्वती देवी अपने परिवार के लोगों से बातचीत करने के लिए सांकेतिक भाषा का प्रयोग करती थीं.

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उद्घाटन समारोह के लिए निमंत्रण
साल 2020 तक वो अपने मौन व्रत से हर दिन दोपहर में एक घंटे का ब्रेक लेती थीं और बोला करती थीं, लेकिन सरस्वती देवी उस दिन से बिलकुल चुप हो गईं, जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राममंदिर की आधारशिला रखी. उसके बाद से आज तक उन्होंने एक शब्द नहीं बोला. तब से लेकर आज तक वो बिल्कुल ही चुप हैं. सरस्वती देवी को महंत नृत्य गोपाल दास के शिष्यों ने राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है.

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