Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Suraksha Yojana: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ट्रांसजेंडरों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन सुरक्षा योजना (पीएमजेवाई) के अंर्तगत पांच लाख रूपये का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराने का फैसला किया गया है. इस सिलसिले में बुधवार को नेशनल हेल्थ अथॉरिटी और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं. इस समझौते के जरिए ट्रांसजेंडरों के स्वास्थ्य बीमा पर होने वाला खर्च का भार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय संभालेगा. 


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केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि इस योजना से मौजूदा समय में 4.80 लाख रजिस्टर ट्रांसजेंडरों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी. ये 4.80 लाख ट्रांसजेंडर पहले से ही सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा रजिस्टर किए जा चुके हैं. इनकी सूची आयुष्मान भारत योजना में शामिल कर ली गई है. इस योजना का लाभ लेने के लिए ट्रांसजेंडरों को अब नेशनल हेल्थ अथॉरिटी से अपना आयुष्मान भारत कार्ड बनवाना होगा. 


वहीं  केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री से पूछा गया कि अगर रजिस्टर्ड ट्रांसजेंडरों के अलावा कोई और ट्रांसजेंडर इस योजना का लाभ लेना चाहे तो उसे क्या करना होगा. इस प्रश्न का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि पहले इसे सामाजिक न्याय मंत्रालय में अपना पंजीकरण कराना होगा. उसके बाद उस ट्रांसजेंडर का नाम खुद-ब-खुद ही नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के पास आ जाएगा. 


राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य प्राधिकरण (National Health Authority)


प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना को बेहतर तरीके से काम में लाने के लिए राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एजेंसी (National Health Agency) का पुनर्गठन करके राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य प्राधिकरण (National Health Authority) का गठन किया गया है. यह परिवार और कल्‍याण मंत्रालय (Ministry of Health & Family Welfare) से संबद्ध कार्यालय के रूप में कार्य करता है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी को 2 जनवरी 2019 को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के रूप में दुबारा गठित किया गया था.