Ballabhgarh News: हरियाणा की अनाज मंडियों में धान की सरकारी खरीद एक अक्टूबर से शुरू होती है, लेकिन इस साल सरकार ने समय से पहले सरकारी खरीद शुरू कर दी. किसान अपनी धान की फसल को लेकर मंडी पहुंच रहे हैं और सरकार द्वारा फसल समय से पहले खरीदने पर किसानों ने अपनी आपबीती बताई, कोई खुश नजर आया तो कोई फसल के दाम कम मिलने से नाराज और परेशान नजर आया. 


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वहीं मंडी प्रशासन का कहना है कि मंडी में सभी व्यवस्था दुरुस्त है और सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है. इसके लिए गेट पास भी कट रहे हैं. बल्लभगढ़ मार्केट कमेटी के असिस्टेंट सेक्रेटरी दिपक का कहना है कि पिछले दो हफ्ते से मंडी में फसल आ रही है. मंडी के सहसचिव का कहना है कि अब तक मंडी में धान की 40000 क्विंटल आवक हो चुकी है. धान के अलावा बाजरा और कुछ कॉटन भी आया है.


बल्लबगढ़ अनाज मंडी में मौजूद आढ़ती अमित मंगला ने कहा कि धान की फसल मंडी में आते हुए 15 से 20 दिन हो चुके हैं. इस बार फसल समय से पहले मंडी में पहुंचना शुरू हो गई है. जमीदारों की फसल सीधे बिक रही है. आढ़ती की मानें तो इस बार फसलों में आई एक बीमारी के कारण धान की कुछ वैरायटी के अंदर किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. 


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बल्लभगढ़ की अनाज मंडी में तिगांव से धान लेकर आए किसान ने बताया कि वह धान की फसल लेकर आए हैं. मंडी में फसल के रेट पूरे नहीं मिल पा रहे. पैदावार में लागत ज्यादा आ रही है और यहां दाम पूरे नहीं मिल रहे. साथ ही बताया कि खाद भी ब्लैक में मिल रही है. 


बता दें कि बल्लबगढ़ मंडी में बहुत बुरा हाल है. यहां कुछ आढ़तियों का गठजोड़ धान मिल मालिकों के साथ है. जिसके चलते वह अपनी मनचाही बोली पर धान खरीदते हैं और आपास में मिलकर 313200 और इससे भी नीचे रेट डाउन कर देते हैं और सरकार को दिखाने के लिए कुछ माल 3400-3500 तक ले लेते हैं. मार्केट कमेटी के कर्मचारी मंडी में नहीं आते केवल पर्ची काटकर खानापूर्ति करते हैं. 


धान की फसल लेकर सुनपैड गांव से आए देशराज ने बताया कि इस बार मौसम के खराब होने की वजह से पहले जैसी पैदावार नहीं हुई. मौसम की वजह से नुकसान हुआ है.


सोतई गांव से आए किसान केहर सिंह ने बताया कि वह धान की पैदावार लेकर आए हैं. इस बार खाद की काफी समस्या हुई. मौसम के कारण पैदावार कम हुई है. पहले के मुकाबले इस बार फसल के दाम ठीक मिल रहे हैं. वहीं मोलहा गांव से आए अन्य किसान ने बताया कि इस बार रेट काफी डाउन मिल रहा है. मौसम की वजह से पैदावार काफी कम हुई है और इसी के साथ खाद के कारण काफी समस्या का सामना करना पड़ है.


Input: Amit Chaudhary