Ballabhgarh News: उद्घाटन के महज दो साल बाद बदहाल हुआ दाना-पानी पार्क, हरियाली की जगह गंदगी का अंबार
Ballabhgarh News: गर्मियों के समय में कई बार पानी और दाना नहीं मिलने की वजह से पक्षियों की मौत हो जाती है, ऐसे पक्षियों को आश्रय देने के लिए बल्लभगढ़ में दाना-पानी पार्क का निर्माण कराया गया था. लेकिन उद्घाटन के महज 2 साल बाद ही ये पार्क बदहाल नजर आ रहा है.
Ballabhgarh News: हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने अक्टूबर-2021 में 25 लाख रुपये की लागत से बल्लभगढ़ सेक्टर-3 में दाना-पानी पार्क का निर्माण कराया और इसका उद्घाटन किया. गर्मियों के समय में कई बार पानी और दाना नहीं मिलने की वजह से पक्षियों की मौत हो जाती है. इस दाना-पानी पार्क को बनाने का उद्देश्य पक्षियों को आश्रय देना था, लेकिन इसके उद्घाटन के महज 2 साल बाद ही ये पार्क बदहाल नजर आ रहा है.
कोई भी राजनीतिक नेता,विधायक जब समाज के हित में या कहे तो सामाजिक विकास के लिए कोई कार्य करते हैं तो कहीं न कहीं वो जनता के मन में अपनी एक अलग पहचान बना लेता है. सामाजित हितों को ध्यान में रखते हुए निस्वार्थ भाव से हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने 2 साल पहले 25 लाख रुपये की लागत से सेक्टर-3 में दाना-पानी पार्क का निर्माण कराया और इसका उद्घाटन किया, लेकिन अब सरकारी विभाग के अधिकारी मंत्री की अच्छी नियत और सोच को पलीता लगा रहे हैं. पक्षियों के लिए बनाए गए इस दाना-पानी पार्क को बनाने के पीछे कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा की सोच थी कि कंक्रीट के इस शहर के बीच में एक ऐसी जगह हो जहां पर पक्षी आराम से दाना-पानी चुग सकें और अपने घोंसले बनाकर रह सके. लेकिन इसके दो साल में ही पक्षियों को दाना-पानी की तलाश में दर-दर भटकना पड़ रहा है.
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फरीदाबाद शहर में चारों तरफ जनहित सुविधाओं के प्रति संबंधित विभाग की लापरवाही नजर आती है. फिर चाहे वह बरसात के मौसम में सड़कों पर घुटनों तक भरा हुआ पानी हो या सरकारी विभाग की लापरवाही के चलते पूरे शहर में कूड़े का अंबार. प्रदूषण के मामले में भी फरीदाबाद का नाम देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार है. अब सरकारी विभाग की लापरवाही दाना-पानी पार्क में भी दिख रही है. महज दो साल में ही इस पार्क की हालत खराब हो गई है.
दरवाजे पर घुसते ही कीचड़ भरा माहौल नजर आता है तो वहीं पार्क के अंदर लंबी-लंबी झाड़ियां हैं. 2 साल में जो पेड़ बड़े हो जाने चाहिए थे, वो सूख गए हैं. इस पार्क में कहीं पर भी हरियाली नजर नहीं आती जहां पर पक्षी अपना ठिकाना बना सकें. कर्मचारी और संबंधित सरकारी विभाग की लापरवाही के चलते यहां धीरे-धीरे यहां पर अवैध कब्जे होते जरूर नजर आ रहे हैं. ऐसे में अब देखना यह होगा कि संबंधित सरकारी विभाग कितना जल्दी अपने जिम्मेदारी को समझ पाता है और इस दानी-पानी पार्क में फिर से पक्षियों को दाना-पानी मिलना शुरू होता है.
Input- Amit Chaudhary