Best Five Asanas for Women: बार-बार होता है मूड स्विंग तो ये 5 आसन देंगे जबर्दस्त फायदे, पहले सही तरीका जान लें
Yoga Benefits: भुजंगासन करने से मांसपेशियां, बाहें और कंधे मजबूत रहते हैं. बॉडी में फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है. जिन लोगों को कमर पीठ दर्द की शिकायत रहती है, उनके लिए नियमित तौर पर भुजंगासन करना लाभदायक होता है. इस आसान से तनाव और थकान दूर होती है.
Best Five Asanas for Women: आज भारत समेत पूरा विश्व योग दिवस मना रहा है. शारीरिक और मानसिक रूप से योग काफी फायदेमंद होता है. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी को अपनी सामर्थ्य और जरूरत के हिसाब से जीवन के कुछ पल योग करने की सलाह दी जाती है. आज हम महिलाओं के लिए वो पांच आसन मुद्रा लेकर आए हैं, जिसे नियमित तौर पर कुछ मिनट करने से पीरियड्स, बार-बार मूड स्विंग से निजात मिलेगी. इसके अलावा बॉडी स्लिम रहने के साथ ही पूरे दिन एनर्जी से भरपूर रहेंगी.
1. भुजंगासन तनाव दूर करने में कारगर
भुजंगासन करने से मांसपेशियां, बाहें और कंधे मजबूत रहते हैं. बॉडी में फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है. जिन लोगों को कमर पीठ दर्द की शिकायत रहती है, उनके लिए नियमित तौर पर भुजंगासन करना लाभदायक होता है. इस आसान से तनाव और थकान दूर होती है और रक्त का संचार अच्छे से होता है.
कैसे करें भुजंगासन
इस आसन मुद्रा में शरीर का आकार सांप की तरह बनता है. इसे करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं. इसके बाद हाथों को कंधे के बराबर लेकर आएं और दोनों हथेलियों को फर्श की तरफ रखें. अब अपने बॉडी वेट को अपनी हथेलियों पर डालें और सांस अंदर की ओर खींचें। इस दौरान अपने सिर को ऊपर कर गर्दन की ओर खींचें. हां, ध्यान रहे कि कमर या पीठ पर चोट के दौरान ये आसन ट्राई न करें और न ही गर्भावस्था या हर्निया की बीमारी में भुजंगासन करें.
2. बाल झड़ने की है रहती है शिकायत तो करें सर्वांगासन
इस आसन को सर्वांगासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस आसन के दौरान शरीर के सभी अंगों का व्यायाम होता है. इसे नियमित तौर पर करने से बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से होता रहता है. थायरॉइड ग्रंथियां स्वस्थ होने के अलावा कब्ज की शिकायत दूर होती है. जिन महिलाओं के बाल झड़ते हैं, उन्हें इस आसन से फायदा मिलता है. तनाव कम होने के साथ ही अच्छी नींद आती है और वजन कंट्रोल में रहता है.
आसन का तरीका
मैट पर पीठ के बल लेट जाएं फिर हाथों को जांघों के पास रखें. अब अपने पैरों को पहले 30, फिर 60 और उसके बाद 90 डिग्री तक ले जाएं. इसके बाद हाथों से कूल्हों को सपोर्ट करें और कूल्हों को उठाते हुए पैरों को सिर की ओर ले जाएं. सहारे के लिए हथेलियां पीठ पर रखें.
कब नहीं करें ये आसन
अर्थराइटिस, हड्डियों से जुड़ी शिकायत या गर्दन में दर्द होने पर सर्वांगासन न करें.
3. अर्धचंद्रासन से पिंडली होती है मजबूत
इस आसन को नियमित करने से टांगों, पैरों, टखनों और पिंडलियों को मजबूती मिलती है. इसके अलावा कूल्हे, कंधे और छाती वाला हिस्सा मजबूत होता है.
इसे करने का सही तरीका
सबसे पहले मैट पर त्रिकोणासन में खड़े हो जाएं. फिर दायां पैर आगे करने के बाद घुटने को मोड़ें. दाएं हाथ को दाएं पैर के सामने फर्श पर लाएं. हाथ आपके कंधे के नीचे होना चाहिए लगभग एक फुट सामने की ओर रखें और अपने दाहिने पैर को 5-6 इंच दायीं ओर रखें।
किसे नहीं करना चाहिए अर्धचंद्रासन
जिन लोगों को डायरिया, अस्थमा, घुटने में दर्द, अर्थराइटिस की समस्या होने पर यह आसन न करें. इसके अलावा असामान्य ब्लड प्रेशर होने पर भी इस आसन से बचें. अगर पहली बार कर रहे है तो योग टीचर की देखरेख में अर्धचंद्रासन का अभ्यास करें.
4. उष्ट्रासन पेट की चर्बी करता है कम
नियमित रूप से इस आसान को करने से शारीरिक और मानसिक परेशानी दूर रहती है. पाचन क्रिया मजबूत होती है. उष्ट्रासन के अभ्यास से वक्ष और पेट के निचले हिस्से से अतिरिक्त चर्बी कम होती है. इस आसन को करने से डायबिटीज, थायरॉइड, अस्थमा, स्पॉन्डिलाइटिस, ब्रोंकाइटिस, पैराथायरॉइड विकार के अलावा आवाज संबंधी विकार दूर होते हैं. रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है.
उष्ट्रासन की सही मुद्रा
इस आसन को करने के लिए मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं और अपने हाथ हिप्स पर रख लें. घुटने और कंधे एक ही लाइन में रखें और सांस को अंदर की ओर खींचें और रीढ़ की निचली हड्डी पर दबाव डालें. अपनी कमर को पीठ की तरफ मोड़ें और फिर धीरे से हथेलियों की पकड़ पैरों पर मजबूत बनाएं। इस दौरान अपनी गर्दन को ढीला छोड़ दें. ये बात कभी न भूलें कि उष्ट्रासन तब बिलकुल न करें, जब आप गर्दन और कमर दर्द से जूझ रहे हों.
5. रीढ़ की हड्डी मजबूत करता है शलभासन
शलभासन आसन की एक ऐसी मुद्रा है, जिसे आपके बच्चे जितनी कम उम्र में करना शुरू कर देते है, उतना ही ज्यादा फायदा होता है. इस आसन के नियमित करने से हाथों,पैरों और पिंडलियों को मजबूती मिलती है. साथ ही पेट की चर्बी कम करने के साथ ही बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) को ठीक करने में मदद करता है. इसके अलावा रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है.
शलभासन करने के लिए मैट पर पेट के बल लेट जाएं और अपने हाथों को जांघों के नीचे दबा लें. इसके बाद खुली हुई हथेलियां नीचे की ओर रखें और ठोड़ी को थोड़ा आगे की ओर लाकर जमीन पर टिका लें. आंखें बंद करें और शरीर को शिथिल करने की कोशिश करें. धीरे-धीरे टांगों को जितना ऊंचा ले जा सकते हैं, उतना ऊंचा उठा लें.
कब न करें
कमर में अगर चोट लगी हो या पेट की कोई सर्जरी हुई हो तो यह आसन न करें.