चंडीगढ़: भारतीय किसान यूनियन (BKU) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी के नेतृत्व में पिछले कई दिनों से करनाल में किसान गन्ने की कीमतों में बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. बावजूद इसके सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं कर रही है. आज प्रदेश सरकार की तरफ से किसान यूनियन को मिलने के लिए बुलाया गया था, लेकिन इस बैठक में कृषि मंत्री नहीं पहुंचे. जिसके बाद बीकेयू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. 


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क्या है पूरा मामला
हरियाणा में मशीन द्वारा कटाई किए गए गन्ने पर लगने वाली काट को सरकार ने बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया है. अगर दूसरे राज्य की बात करें तो पंजाब में काट 3 प्रतिशत और महाराष्ट्र में 4.5 प्रतिशत है. किसानों का कहना है वर्तमान में राज्य में गन्ने का रेट बहुत कम है. सरकार द्वारा रेट न बढ़ाकर किसानों के साथ अन्याय किया जा रहा है.


गन्ने का रेट 450 रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग
राज्य में अभी गन्ने का रेट 362 रुपए प्रति क्विंटल है, किसानों द्वारा इसे बढ़ाकर 450 रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग की जा रही है. भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेतृत्व में हरियाणा के किसान कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. 


कृषि मंत्री के न मिलने से नाराजगी
बीकेयू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि गन्ने के रेट को लेकर बात करने के लिए आज उन्हें बुलाया गया था, लेकिन कृषि मंत्री बैठक के लिए नहीं पहुंचे. सरकार की तरफ से 3 अधिकारी बात करने के लिए पहुंचे थे. कृषि मंत्री के नहीं पहुंचने से किसान प्रतिनिधि नाराज नजर आए और किसान भवन के बाहर धरने पर बैठ गए. 


आंदोलन की चेतावनी 
बीकेयू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती तो 17 जनवरी से गन्ने की छिलाई बंद रहेगी. साथ ही 20 जनवरी को शुगर मिलें बंद करने का भी अल्टीमेटम दिया है.