हुड्डा ने सरकार पर साधा निशाना, बोले- 72 घंटे के अंदर किसानों को भुगतान का दावा हवाहवाई
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हुड्डा ने सरकार पर साधा निशाना, बोले- 72 घंटे के अंदर किसानों को भुगतान का दावा हवाहवाई

हुड्डा ने बेमौसम बारिश से हुए नुकसान की गिरदावरी और किसानों को मुआवजा मिलने में हो रही देरी का मुद्दा उठाते हुए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार द्वारा 72 घंटे के भीतर किसानों को भुगतान का दावा हवाहवाई साबित हुआ है.

 

हुड्डा ने सरकार पर साधा निशाना, बोले- 72 घंटे के अंदर किसानों को भुगतान का दावा हवाहवाई

रोहतकः बीजेपी-जेजेपी सरकार किसान और उसके अनाज दोनों की बेकद्री कर रही है. यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का. हुड्डा रोहतक में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश की मंडियों में गेहूं की आवक जोरों पर है, लेकिन उठान नहीं होने के चलते जगह कम पड़ गई है. किसान मंडी के बाहर सड़कों, यहां तक कि शमशान घाट तक में अपनी फसल रखने के लिए मजबूर हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार ने वक्त रहते उठान के लिए ट्रांसपोर्टर्स को टेंडर दिया और जब टेंडर दिया तो ऐसे लोगों को दे दिया गया, जिनके पास पर्याप्त गाड़ियां नहीं है. ऐसे में जब तक उठा नहीं होगा और गेहूं गोदाम में नहीं पहुंचेगा, तब तक किसानों को भुगतान के लिए इंतजार करना पड़ेगा. यानी सरकार द्वारा 72 घंटे के भीतर किसानों को भुगतान का दावा हवाहवाई साबित हुआ है.

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हुड्डा ने बेमौसम बारिश से हुए नुकसान की गिरदावरी और किसानों को मुआवजा मिलने में हो रही देरी का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि अब तक सरकार ने पूरी फसल की गिरदावरी नहीं की. देरी के चलते मजबूरी में बहुत सारे किसानों ने अपनी फसल काट ली. किसानों को जितना नुकसान झेलना पड़ा, गिरदावरी में उतना नहीं दिखाया जा रहा. ऊपर से लस्टर लॉस के नाम पर सरकार ने गेहूं खरीदते वक्त वैल्यू कट लगाने का फरमान सुनाया है.

उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि फसल की कीमत में कटौती करने की बजाए सरकार को प्रति क्विंटल ₹500 बोनस देना चाहिए. पहरावर जमीन मामले पर बोलते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान बाकायदा कैबिनेट ने मोहर लगाकर 33 साल की लीज पर गौड़ ब्राह्मण संस्था को यह जमीन दी थी.  मौजूदा सरकार इसे छीन रही है. क्योंकि यह सरकार जनहित का कोई भी कार्य नहीं कर सकती.

(इनपुटः विनोद लांबा)