Delhi News: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने देशभर में बाइक टैक्सियों की कानूनी वैधता को लेकर एक एडवाइजरी जारी की तहत मोटर वाहन (MV) अधिनियम, 1988 की धारा 2(7) के अनुसार, कार टैक्सियों के मुकाबले बाइक टैक्सियां लोगों के लिए अधिक किफायती हैं. इससे पहले गोवा, तेलंगाना, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों ने बाइक और टैक्सियों को इसकी अनुमती दे दी है. मगर राजधानी दिल्ली में बाइक टैक्सियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.


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लेकिन, भारत में बाइक टैक्सी सेवाओं का विस्तार टियर 2 और टियर 3 शहरों में हो रहा है. MoRTH का कहना है कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश बाइक टैक्सी परमिट के लिए आवेदन स्वीकार करें और इन नियमों के बदलाव में संयोग करें. इस नियम के बदलाव से कनेक्टिविटी की समस्याओं का समाधान हो सकता है. इसी के साथ ट्रैफिक के दौरान लगने वाले लंबे जाम राहत मिलेगी. सस्ते किराया के चलते आने-जाने के का भी विकल्प तेजी के साथ बढ़ सकता है. इस नियम के तहत, बाइक टैक्सी सवारों को लाइसेंस संबंधी मुद्दों के कारण जुर्माने से बचाना भी है.


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Rapido के बाजारों में मिलेगी हिस्सेदारी


आपको बता दें कि ऑटोकार वेबसाइट की रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, रैपिडो की बाइक टैक्सी इंडस्ट्री में हिस्सेदारी 60 फीसदी तक है. इसी के साथ, पूरे देशभर में हर दिन दस लाख से ज्यादा बाइक टैक्सी लोगों को सवारी की सुविधा प्रदान करती है. साथ ही इस फिल्ड में कई रोजगार के कई अवसर पैदा होते हैं. इस रेस में दूसरा खिलाड़ी, उबर मोटो का नाम शामिल है.


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रैपिडो के सह-संस्थापक पवन गुंटुपल्ली ने एक मीडिया को एक बयान देते हुए कहा कि हम बाइक टैक्सी रेग्युलेशन पर MoRTH की सलाह की सराहना करते हैं, क्योंकि यह पूरी इंडस्ट्री के लिए बेहद जरूरी है. इसके अलावा इससे स्पष्टता मिलती है. हमें उम्मीद है कि सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश बाइक टैक्सियों को परमिट देने के लिए आवेदन स्वीकार करना और उन पर कार्रवाई करना शुरू कर देंगे.