Budget 2023: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) बजट पेश करेंगी. आजादी के पहले 18 फरवरी 1860 को देश का पहला बजट पेश किया था
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Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) आगामी 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करेंगी. ये उनका लगातार 5वां बजट होगा. जिसके लिए वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस साल के बजट में सभी वर्ग के लोगों को लुभाने की कोशिश की जाएगी.
बजट जारी होने के पहले ऐसे कई सवाल हैं, जो आप सबके मन में हैं. जैसे देश का पहला बजट कब पेश हुआ? इसे किसने पेश किया? और बजट कितने प्रकार का होता है? आज के आर्टिकल में हम आपके लिए कुछ ऐसी ही जानकारी लेकर आए हैं.
आजादी के पहले
आजादी के पहले 18 फरवरी 1860 को भारत का पहला बजट पेश किया था, ये बजट वायसराय की परिषद में ईस्ट इंडिया कंपनी से जुड़े स्कॉटिश अर्थशास्त्री एवं नेता जेम्स विल्सन द्वारा पेश किया गया था.
आजादी के बाद
आजाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को भारत के पहले वित्त मंत्री आर के षण्मुखम चेट्टी (R. K. Shanmukham Chetty) द्वारा पेश किया गया था.
भारत में बजट मुख्य तौर पर तीन श्रेणियों में बांटा गया है, जिसमें संतुलित बजट, अधिशेष बजट और घाटा बजट शामिल हैं.
संतुलित बजट
संतुलित बजट में सरकार का अनुमानित व्यय किसी विशेष वित्त वर्ष में इसकी अनुमानित प्राप्तियों या राजस्व के बराबर होता है. इस बजट प्रकार का उद्देश्य किसी के साधनों के भीतर रहना या खर्च करना है और यह अक्सर अर्थशास्त्रियों द्वारा एक आदर्श बजट के रूप में जाना जाता है.
अधिशेष बजट
अधिशेष बजट में सरकार का अनुमानित राजस्व या प्राप्तियां किसी विशेष वित्तीय वर्ष में अनुमानित व्यय से अधिक होती हैं. अगर इसे सरल शब्दों में कहें तो, सरकार एक वर्ष में जो कमाती है, मुख्य रूप से करों, आयात/निर्यात शुल्क, शुल्क और अन्य राजस्व से वह सार्वजनिक या अन्य परियोजनाओं पर खर्च की तुलना में अधिक है.
घाटा बजट
घाटा बजट में सरकार का अनुमानित व्यय उस वित्तीय वर्ष के अपेक्षित राजस्व/प्राप्तियों से अधिक होता है. बजट घाटे में, सरकार राजस्व में प्राप्त होने वाले खर्च से अधिक खर्च करती है.
देश में सबसे ज्यादा बार बजट (Budget) पेश करने का रिकॉर्ड
अब तक देश में सबसे ज्यादा बार बजट (Budget) पेश करने का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम पर दर्ज है. उनके द्वारा 8 सालाना बजट और 2 अंतरिम बजट (Interim Budget) किए गए.मोरारजी देसाई के बाद दूसरे नंबर पर पी चिदंबरम और तीसरे नंबर पर प्रणब मुखर्जी का नाम आता है.