Burari News: पति के अंतिम संस्कार के लिए मांगे थे सिर्फ 10 हजार रुपये, प्रावधान होने के बावजूद निगम ने कहा NO
Burari Hindi News: पीड़ित महिला द्वारा नगर निगम से अंतिम संस्कार सहायता राशि मांगने के लिए पत्र लिखा, इसके जवाब आया कि नगर निगम की तरफ से अंतिम संस्कार के लिए कोई भी सहायता राशि नहीं दी जाती है. जिसके बाद शिकायतकर्ता ने फिर गृह मंत्रालय को पत्र लिखा और जवाब मांगा, जिसमें वही जवाब दोबारा गया.
Burari News: दिल्ली के बुराड़ी इलाके में आर्थिक तंगी से जूझ रही महिला के दिव्यांग पति के देहांत के बाद अंतिम संस्कार के लिए नगर निगम से सहायता राशि मांगी, जिसे देने से महिला को इनकार कर किया गया. नगर निगम के एक पत्र में लिखा अंतिम संस्कार के लिए सहायता राशि दिया जाता है. वही अंतिम संस्कार के लिए सहायता राशि मांगने पर नगर निगम ने दूसरे पत्र में लिख कि अंतिम संस्कार में कोई सहायता राशि नहीं दी जाती.
देश में गरीब से गरीब व्यक्ति अपने जीवनभर में सरकार को हर प्रकार का टैक्स जमा करता है, लेकिन गरीब आदमी के मृत्यु के बाद सरकार की तरफ से अंतिम संस्कार के लिए सहायता राशि तक नहीं दी जाती. कादीपुर में रहने वाले स्थानीय निवासी हरपाल राणा ने एक शिकायत में आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों की मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार के लिए आर्थिक सहायता राशि सरकार से दिलाने के लिए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा. जिसके बाद नगर निगम के सेविंग सेंटर की तरफ से जवाब आया कि यदि कोई व्यक्ति दाह संस्कार के खर्च का भुगतान करने में सक्षम नहीं होता तो NDMC दाह संस्कार की सुविधा निःशुल्क प्रदान करता है. जोनल डीएचओ द्वारा संबंधित कर्मचारियों को इस तरह का अंतिम संस्कार मुक्त करने का निर्देश दिया गया है और जो गैर सरकारी संगठनों को आउटसोर्स किए गए श्मशान घाट द्वारा भी यही प्रथा अपनाई जा रही है, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं है.
आपको बता दें कि इब्राहिमपुर में रहने वाली एक महिला के पति का देहांत हुआ. घर की आर्थिक स्थिति इस कदर खराब थी कि वह उनका अंतिम संस्कार कर पाने में सक्षम नहीं थी क्योंकि अंतिम संस्कार में करीब 10 हजार रुपये का खर्च आता है. पीड़ित महिला द्वारा नगर निगम से अंतिम संस्कार सहायता राशि मांगने के लिए पत्र लिखा, इसके जवाब आया कि नगर निगम की तरफ से अंतिम संस्कार के लिए कोई भी सहायता राशि नहीं दी जाती है. जिसके बाद शिकायतकर्ता ने फिर गृह मंत्रालय को पत्र लिखा और जवाब मांगा, जिसमें वही जवाब दोबारा गया. नगर निगम के इस विचलित कर देने वाले जवाब से सभी लोग परेशान हैं.
फिलहाल आपको बता दें मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार होना लाजमी है, लेकिन ऐसे में जिन परिवारों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है. उन लोगों के लिए अंतिम संस्कार करना एक चैलेंज बन जाता है. जरूरत है सरकार की तरफ से इस समस्या पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और समस्या का समाधान करना चाहिए.
Input: Nasim Ahmad