नई दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (CBI Rais Manish Sisodia) के यहां आज सुबह सीबीआई ने छापेमारी की. यह छापेमारी दिल्ली की आबकारी नीति में घोटाले को लेकर बताई जा रही है. सिसोदिया के घर से अलग-अलग 21 जगहों पर सीबीआई की रेड जारी है. 7 राज्य और यूटी में रेड जारी है. इनमें दिल्ली के 4 आबकारी अधिकारियों के यहां कार्यवाही जारी है. इस पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है.


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सिसोदिया ने बताया कारण, क्यों देश नहीं बन पाया नंबर-1
सीबीआई रेड की जानकारी जैसे ही सिसोदिया को लगी उन्होंने ट्वीट करके लोगों को बताया. सिसोदिया ने कहा कि हम कट्टर ईमानदार हैं, सीबीआई का स्वागत है. लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे हैं. बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में जो अच्छा काम करता है उसे इसी तरह परेशान किया जाता है. इसीलिए हमारा देश नंबर वन नहीं बन पाया.


केजरीवाल ने किया CBI का स्वागत
इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट किया कि जिस दिन अमेरिका के सबसे बड़े अख़बार NYT के फ़्रंट पेज पर दिल्ली शिक्षा मॉडल की तारीफ़ और मनीष सिसोदिया की तस्वीर छपी, उसी दिन मनीष के घर केंद्र ने CBI भेजी. CBI का स्वागत है. पूरा cooperate करेंगे. पहले भी कई जांच/रेड हुईं. कुछ नहीं निकला. अब भी कुछ नहीं निकलेगा. 


तो क्या जैन के समय ही बिछ गई थी रेड की बिसात?
आप नेताओं ने कहा कि सिसोदिया पर यह कार्रवाई अचानक नहीं हुई है. इसकी बिसात बीजेपी ने बहुत पहले तैयार कर ली थी. सत्येंद्र जैन के हिरासत में जाने के बाद दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने संकेत दिए थे कि अब केंद्र की बीजेपी सरकार सिसोदिया को जेल में डालेगी. इसके बाद बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने भी कहा था कि सिसोदिया बहुत जल्द सलाखों के पीछे जाएंगे. दिल्ली बीजेपी भी आबकारी नीति को लेकर लगातार विरोध करती रही. इस दबाव पर केजरीवाल सरकार ने अपनी आबकारी नीति को निरस्त कर दिया था. दिल्ली में फिर से पुरानी शराबनीति लागू करने का ऐलान किया था. हालांकि स्टॉक क्लियरेंस को लेकर एलजी ने दिल्ली सरकार को एक महीने का और वक्त दे दिया था.


क्या है सिसोदिया पर आरोप?
इस बीच बीजेपी ने नई आबकारी नीति में घोटाले का जिक्र किया. मामले ने खूब तूल पकड़ा. आप सरकार और डिप्टी सीएम सिसोदिया पर आरोप लगाए. कहा गया कि सिसोदिया ने अपने चाहने वालों को शराब के ठेके दिए. 8 जुलाई को यह रिपोर्ट भेजी गई थी. जिसमें 2020-21 साल लागू की गई दिल्ली आबकारी नीति पर सवाल उठाए गए थे. इस नीति (2021-22) बनाने और उसे लागू करने में लापरवाही बरतने के साथ ही नियमों की अनदेखी और नीति के कार्यान्वयन में गंभीर चूक का हवाला दिया गया. कहा गया कि सिसोदिया और उनकी पार्टी ने 144 करोड़ रुपये ठेकेदारों के माफ किए, जिससे दिल्ली को घाटा हुआ. लाइसेंस देने में अनदेखी की. एलजी को सौंपी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस नीति के जरिए कोरोना के बहाने लाइसेंस की फीस माफ की गई. रिश्वत के बदले शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाया गया. एलजी ने दिल्ली के सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर ही सिसोदिया के सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. 


11 अधिकारियों के खिलाफ हुआ था एक्शन
इस मामले में दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने 7 अगस्त को आबकारी नीति में भ्रष्टाचार और नीति लागू करने में बरती गई अनियमितताओं के आरोप में 11 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया था. एलजी ने सतर्कता निदेशालय (डीओवी) की जांच रिपोर्ट को आधार बनाकर यह एक्शन लिया था. उन्होंने पूर्व आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण (आईएएस) और तत्कालीन उपायुक्त आनंद कुमार तिवारी (दानिक्स) समेत सभी आरोपियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने की विजिलेंस को मंजूरी भी दी थी. जिसके बाद सीबीआई ने यह रेड डाली.


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क्या रोहिंग्या मुद्दा बना सिसोदिया के खिलाफ हथियार?
सिसोदिया ने बीजेपी सरकार को हमेशा हमलवार रहे. चाहे वो अग्निपथ योजना हो या फिर रोहिंग्याओं का मुद्दा. हाल में ही जब केंद्र सरकार ने मंत्री हरपीद सिंह ने रोहिंग्याओं को दिल्ली में बसाने की बात कही तो राजनीति गर्मा गई. बीजेपी ने आप पर रोहिंग्याओं को शरण देने के आरोप लगाए तो मनीष सिसोदिया फ्रंट फुट पर आ गए. उन्होंने सीधे गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी. सिसोदिया ने लिखा कि AAP सरकार रोहिंग्याओं को दिल्ली में रखने के खिलाफ है. केंद्र सरकार के कुछ लोग दिल्ली के अधिकारियों के साथ मिलकर ये साजिश रच रहे हैं. सिसोदिया ने कहा कि हमें बिना लूप में रखे बिना रोहिंग्याओं की बसाने का काम होने वाला था. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में उनसे स्पष्टता मांगी है. सिसोदिया ने उनसे पूछा है कि रोहिंग्याओं के पुनर्वास के निर्देश किसने दिए? 


दिल्ली की मॉडल की चर्चा
इतना ही नहीं सिसोदिया ने हमेशा दिल्ली सरकार की शिक्षा नीति पर बात की. जब भी बीजेपी ने आरोप लगाए सिसोदिया ने दिल्ली स्कूलों में किए अपने काम से जवाब दिया. केजरीवाल भी जहां भी जाते हैं दिल्ली मॉडल की तारीफ करते हैं. गुजरात और हिमाचल में लगातार दौरे कर रहे हैं और वहां पर दिल्ली की शिक्षा, स्वास्थ्य नीति की चर्चा करते हैं.