लोकसभा और विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के तय उम्र सीमा को कम करने के लिए सरकार ने मंथन करना शुरू कर दिया है. कहा जा रहा है कि कई राजनीतिक दलों ने भी चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारों की उम्र सीमा को घटाकर 25 से 21 करने के फैसले पर सहमति जताई है.
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नई दिल्ली: देश के युवाओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की उम्र सीमा को घटाने का मन बना रही है. भारत में 65% युवा आबादी है. इसी के मद्देनजर सरकार राजनीति में युवाओं की सहभागिता बढ़ाने को लेकर ये बदलाव कर सकती है. इस फैसले का ज्यादातर राजनीतिक दलों ने समर्थन किया है. राजनीतिक दलों ने फैसले के पक्ष में तर्क देते हुए कहा है कि नगर निगम-परिषद के चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशियों की तय उम्र 21 साल है तो ये नियम विधानसभा और लोकसभा के उम्मीदवारों के लिए क्यों नहीं हो सकता?
युवाओं की बढ़ेगी राजनीति में सहभागिता
देश के विभिन्न राजनीतिक दलों का कहना है कि अगर वोटरों की उम्र सीमा 18 वर्ष हो सकती है तो चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की उम्र सीमा 25 वर्ष क्यों होनी चाहिए, अगर 18 वर्ष का नौजवान सरकार चुन सकता है तो फिर सरकार में शामिल क्यों नहीं हो सकता.
ये पार्टियां हैं पक्ष में
रालोद, एआईएमआईएम, वाईएसआरसीपी, राजद, बीजद, शिवसेना (उद्धव गुट) ये ऐसे दल हैं जो प्रत्याशियों के आयु घटाने के पक्ष में हैं. साथ ही भाजपा और कांग्रेस के भी कई ऐसे सांसद हैं जो चाहते हैं कि चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की उम्र सीमा घटाई जानी चाहिए. मिली जानकारियों के मुताबिक सरकार ने भी इस मुद्दे पर मंथन करना शुरू कर दिया है. साथ ही विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले 7-8 साल ही ऐसे हैं जिनमें युवाओं की भागीदारी संसद में बढ़ेगी क्योंकि 2030 के बाद से भारत के अबादी की उम्र बढ़नी शुरू हो जाएगी. ऐसे में उसके बाद से कम ही लोग छोटी उम्र में विधायक या सांसद बन पाएंगे. ऐसे में ये फैसला जल्दबाजी में लेने लायक नहीं है.
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जयंत चौधरी ने संसद में पेश किया निजी विधेयक
राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने इस मामले को लेकर संसद में एक निजी विधेयक पेश किया है. जयंत के विधेयक पर भाजपा नेताओं ने निशाना साधते हुए कहा है कि आने वाले दिनों में युवाओं को लुभाने के लिए कोई भी राजनीतिक दल इस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर सकता है. ऐसे में समय रहते ही लोकसभा या विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए तय उम्र को 21 वर्ष कर देना चाहिए.