नई दिल्ली : पंजाब सरकार के पराली प्रबंधन को लेकर दिए गए प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया है; जिसके बाद पंजाब सीएम भगवंत मान ने मोदी सरकार पर सहयोग न करने का आरोप लगाया. पंजाब सरकार ने अपने प्रस्ताव में किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए 2500 रुपये प्रति एकड़ देने की बात कही थी. 


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पराली जलाने से दिल्ली में होने वाले प्रदूषण को लेकर पंजाब सरकार ने एक प्रस्ताव एयर क्वालिटी कमीशन को भेजा था. केजरीवाल ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि प्रस्ताव में आप सरकार ने पराली प्रबंधन के लिए 2500 रुपये कैश इंसेंटिव' दिए जाने की बात कही थी. प्रस्ताव के मुताबिक इसमें से पंजाब और दिल्ली सरकार 500-500 रुपये का योगदान दें, जबकि केंद्र सरकार 1500 रुपये प्रति एकड़ का योगदान दे.


केजरीवाल बोले, जो भी करना पड़ेगा, करेंगे.
केजरीवाल ने कहा था कि इसका मतलब यह कि हम 2500 रुपये प्रति एकड़ दे दें, फिर किसान चाहे जो मर्जी टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करें, बस पराली न जलाएं. मैं समझता हूं कि एयर क्वालिटी कमीशन जब भी इस पर निर्णय लेगा तो दिल्ली सरकार हमेशा पॉल्यूशन को कम करने के लिए जो भी करना पड़ेगा, हम करेंगे.


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हाथ पर हाथ रखे नहीं बैठेंगे 
केंद्र सरकार के प्रस्ताव ठुकराने के बाद भगवंत मान ने कहा कि कोई बात नहीं, जो केंद्र सरकार साथ नहीं दे रही, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम हाथ पर हाथ रखे बैठे रहेंगे. पंजाब सरकार इस समस्या से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी.


भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में कुल 75 लाख एकड़ जमीन पर चावल बोया जाता है. 37 लाख एकड़ जमीन पर लोग खुद से पराली नहीं जलाते हैं. बची जमीन के लिए पंजाब सरकार मशीन दे रही है. पंजाब सरकार एक लाख मशीनों के जरिये इस पराली को काटने की व्यवस्था करेगी. पंजाब सरकार ने किसानों को पराली न जलाने के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष अफसरों की टीम नियुक्त कर दी है.