नई दिल्ली: दिल्ली में कई बड़े अस्पतालों में जब इलाज के लिए जाते हैं तो वहां सिक्योरिटी गार्ड के साथ-साथ बाउंसर भी देखने को मिलते हैं. अब से दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों में बाउंसर्स देखने को नहीं मिलेंगे. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से सभी केंद्रीय अस्पतालों से बाउंसर्स को हटाने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसके साथ ही राज्य सरकारों से भी अस्पतालों से बाउंसर्स को हटाएं जाने की मांग की गई है. .


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इन अस्पतालों से हट गए बाउंसर
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के आदेश के बाद दिल्ली के 2 बड़े अस्पतालों लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (Lady Hardinge Medical College) और सुचेता कृपलानी अस्पताल (Smt Sucheta Kriplani Hospital) से बाउंसर्स हो हटा दिया गया है. इसके बाद अब दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों से भी बाउंसर्स की तैनाती को हटा दिया जाएगा. अधिकारियों की मानें तो दिल्ली के  AIIMS, सफदरजंग (Safdarjung Hospital) और राम मनोहर लोहिया (RML) जैसे बड़े अस्पतालों से भी बाउंसर्स को हटाने की तैयारी चल रही है. इन अस्पतालों के अलावा और भी कई अस्पतालों से बाउंसरों को हटा दिया जाएगा. साथ ही दिल्ली सरकार को भी सलाह दी गई है कि वह अपने अस्पतालों से बाउंसरों को हटाएं. 


ये भी पढ़ें: MCD चुनाव की घोषणा से पहले BJP का सबसे बड़ा दांव, पूरे दिल्ली से मांगेगी सुझाव


स्वास्थ्य मंत्री ने हाल में किया था लेडी हार्डिंग का दौरा
हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने  दिल्ली के लेडी हार्डिंग अस्पताल का दौरा किया था. अस्पताल के दौरे के दौरान उन्होंने वहां कई बाउंसर को तैनात देखा तो यह कहा कि अस्पताल जैसी जगहों पर बाउंसर की क्या जरूरत है. इसके बाद लेडी हार्डिंग और सुचेता कृपलानी अस्पताल से बाउंसर को हटा दिया गया. बता दें कि अस्पताल में मरीजों और डॉक्टरों के बीच में झगड़े मारपीट को लेकर बाउंसर की तैनाती की गई थी.


डॉक्टरों ने यह कहा
लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं  जिसमें बाउंसर की वजह से मरीजों के साथ बुरा व्यवहार देखने को मिलता है. ऐसे में मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसी को देखते हुए अस्पताल से बाउंसरों को हटाने के आदेश जारी किए गए हैं. इस विषय पर डॉक्टर्स का कहना है कि जब किसी मरीजों के परिजन और डॉक्टरों के साथ मारपीट जैसे मामले देखने को मिलते हैं. कई बार अस्पताल में ऐसी घटनाएं भी घटी हैं जिसके बाद डॉक्टर्स की सुरक्षा का मुद्दा खड़ा हुआ है. इसी को देखते हुए बाउंसरों की तैनाती अस्पताल में रहनी चाहिए.


CISF की तैनाती की मांग
दिल्ली के AIIMS अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर ऐसीसिएशन (RDA) के अध्यक्ष डॉ जसवंत जांगड़ा का कहना है कि अगर अस्पतालों से बाउंसरों को हटाया जाता है तो डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए CISF के जवानों की तैनाती होनी चाहिए. क्योंकि दिल्ली के अस्पतालों में डॉक्टर्स के साथ मरीजों के परिजनों द्वारा झगड़े जैसे मामले होते रहते हैं. इसी कारण डॉक्टर्स की सुरक्षा बहुत जरूरी है.