Central Ordinance: केजरीवाल केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ पूरे विपक्ष का समर्थन मांग रहे हैं. इसके लिए वे सभी नेताओं से मिल रहे हैं. वहीं अब उन्होंने कांग्रेस से मिलने के लिए समय मांगा है.
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Central Ordinance: केंद्र सराकर द्वारा पारित अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पूरे विपक्ष से समर्थन मांग रहे हैं. समर्थन के लिए केजरीवाल नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मिल चुके हैं. वहीं अब उन्होंने कांग्रेस से समर्थन पाने के लिए ट्वीट कर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे और राहुल गांधी से मिलने के लिए औज सुबह का समय मांगा है.
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बता दें कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा कि भाजपा सरकार द्वारा पारित अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक अध्यादेश के खिलाफ संसद में कांग्रेस का समर्थन लेने और संघीय ढांचे और मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर सामान्य हमले पर चर्चा करने के लिए आज सुबह कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे और राहुल गांधी जी से मिलने का समय मांगा है.
Sought time this morning to meet Cong President Sh Kharge ji and Sh Rahul Gandhi ji to seek Cong support in Parl against undemocratic n unconstitutional ordinance passed by BJP govt and also to discuss general assault on federal structure and prevailing political situation
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 26, 2023
वहीं कल एक PC के दौरान दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी कांग्रेस से समर्थन की मांग करते हुए कहा था कि हमने राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस को वोट दिया. वहीं हर हाल में हमारी पार्टी ने कांग्रेस को सपोर्ट किया. वहीं अब ऐसे में कांग्रेस को हमें समर्थन देना चाहिए. अगर कांग्रेस हमें समर्थन नहीं देती है तो हमारे पास दूसरे विकल्प भी हैं.
दरअसल सौरभ भारद्वाज ने कांग्रेस नेता अजय माकन पर निशाना साधते हुए कहा था कि पिछले कुछ दिनो से कांग्रेस के नेता झूठ फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. कांग्रेस नता ने बयान दिया था कि अध्यादेश को लेकर आप गलत प्रचार कर रही हैं, जब कांग्रेस की सरकार थी तब उसने कोई आपत्ति नहीं उठाई थी. इस पर सौरभ ने माकन पर निशाना साधते हुए कहा कि 2002 में सदन में जो बोला था उसे याद करो. केंद्र सरकार एलजी को सरकार बताने की कोशिश की, लेकिन इसके खिलाफ शीला दीक्षित ने विधानसभा में खिलाफत की थी. शीला दीक्षित ने सदन में कहा था कि दिल्ली सरकार की शक्तियों को कम करना संविधान से छेड़छाड़ करना है.