दिव्या राणा/ चंडीगढ़ : सुखना लेक (Sukhna Lake) को चंडीगढ़ की लाइफलाइन कहा जाता है, लेकिन पिछले दो दिनों से लेक के रेगुलेटरी एंड में काफी संख्या में मछलियों के मरने से पानी दूषित हो गया है. हालात ऐसे हैं कि मरी हुई मछलियों की बदबू की वजह से यहां सैर करने के लिए आने वाले लोगों को भरी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. 


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लेक पर रोजाना हजारों लोग और टूरिस्ट पहुंचते हैं. इन दिनों हो रही तेज बरसात के बाद वाटर लेवल को मेंटेन रखने के लिए सुखना लेक के फ्लड गेट खोलने पड़ रहे हैं. बताया गया है कि फ्लड गेट खोलकर पानी छोड़ने की वजह से बड़ी तादात में मछलियां बह गईं. ऐसे लेक से नाता टूटते ही मछलियां मरने लगीं. 


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मामला संज्ञान में आने के बाद इसकी जानकारी Animal Husbandry and Fisheries Department को दी गई, लेकिन मछलियों की मौत का सिलसिला थम न सका. डिपार्टमेंट ने मौके पर पहुंचकर सैंपल ले लिए हैं. अब रिपोर्ट आने पर ही मछलियों के मरने का सही कारण पता चल पाएगा. लोगों की शिकायत है कि शेष  मछलियों को बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है.


खतरे के निशान के पास पहुंचा जलस्तर 


बता दें कि सुखना कैचमेंट एरिया और शिवालिक हिल्स में लगातार बारिश होने के कारण लेक का जलस्तर बढ़ रहा है. यह जलस्तर 1162 फीट के आसपास है. अगर इसमें .45 फीट का इजाफा और हुआ तो फ्लड गेट खोलने दोबारा से अनिवार्य हो जाएंगे. पानी खुलने के बाद पानी के साथ मरी मछलियां घग्गर नदी में पहुंच जाएंगी. यह गंदा पानी दूसरे जलीय जीवों के लिए भी खतरनाक हो जाएगा. 


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