Chandigarh News: हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने ‘सरकार आपके द्वार’ अवधारणा को साकार करते हुए आज सामुदायिक केंद्र बरवाला में जनता दरबार के माध्यम से लोगों की समस्याएं सुनी. इस दौरान उपस्थित संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हुए अधिकतम शिकायतों का मौके पर ही निवारण किया. उन्होंने जनता दरबार में लोगों की 114 व्यक्तिगत और सामुहिक समस्याएं सुनी. गुप्ता ने घोषणा की कि दूसरा जनता दरबार सामुदायिक केंद्र सेक्टर-26 पंचकूला और तीसरा जनता दरबार सेक्टर 6 माता मनसा देवी कॉप्लैक्स में लगाया जाएगा.


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इस अवसर पर नगर निगम महापौर कुलभूषण गोयल, अतिरिक्त उपायुक्त वर्षा खांगवाल, एसडीएम पंचकूला ममता शर्मा, नगर निगम की संयुक्त आयुक्त डॉ. ऋचा राठी, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गगनदीप सिंह, नगराधीश गौरव चौहान, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजन सिंगला सहित विभिन्न विभागों के संबंधित अधिकारी उपस्थित थे.


अधिकारियों को दिए सेवाभाव से काम करने के निर्देश
गुप्ता ने कहा कि उन्होंने जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आज बरवाला में जनता के दरबार में आकर लोगों की समस्याएं सुनी और उनका समाधान करने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि जनता दरबार लगाने का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनना और उनके दुख-दर्द को कम करना है. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे तनमयता और सेवा भाव से प्राथमिकता के आधार पर अपने विभागों से संबंधित समस्याओं का समाधान करें.


एक महीने के अंदर समाधान
गुप्ता ने कहा कि वे एक महीने बाद 13 जून को सामुदायिक केंद्र बरवाला में ही जनता दरबार लगाकर संबंधित अधिकारियों द्वारा शिकायतों पर की गई कार्रवाई की समीक्षा करेंगे. उन्होंने कहा कि यदि किसी समस्या का समाधान एक महीने के अंदर हो जाता है तो अधिकारी शिकायतकर्ता को आवेदन पत्र पर लिखें. दूरभाष नंबर पर संपर्क कर जानकारी दें, ताकि जनता का विश्वास सरकार और प्रशासन की ओर बढ़े.


गांव बरवाला में गैस सिलंडर की सप्लाई को लेकर की गई शिकायत पर गुप्ता ने कहा कि कुछ गैस एजंसियों द्वारा उपभोक्ताओं को अंडरवेट सिलेंडर दिए जा रहे हैं, जो कि धोखा-धड़ी की श्रेणी में आता है. उन्होंने जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक को निर्देश दिए कि स्थानीय सरपंच और पुलिस विभाग के कर्मचारियों के साथ गैस सिलेंडर सप्लाई करने वाले वाहना का महीने में तीन बार निरीक्षण किया जाए. यदि सिलेंडर अंडरवेट पाए जाते हैं तो संबंधित एजेंसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए. उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वाहन चालकों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बजाए संबंधित गैस एजेंसी मालिक के विरूद्ध मामला दर्ज किया जाए.


Input: Divya Rani